नकली नोट रैकेट का बड़ा पर्दाफाश, मौलाना की गिरफ्तारी के बाद मिला 19.78 लाख का जखीरा, MBBS डॉक्टर मास्टरमाइंड गिरफ्तार
Sunday, Nov 23, 2025-07:22 PM (IST)
खंडवा (मुश्ताक मंसूरी): मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में नकली नोटों के सबसे बड़े रैकेट का खुलासा उस समय हुआ, जब महाराष्ट्र के मालेगांव में गिरफ्तार किए गए पेठिया गांव के मौलाना जुबेर अंसारी के कमरे से 19 लाख 78 हजार रुपये के जाली नोट बरामद किए गए। यह कार्रवाई स्थानीय ग्रामीणों की सतर्कता के कारण संभव हो पाई, जिन्होंने सूटकेस देखकर पुलिस को सूचना दी थी।
गांव वालों की सतर्कता से खोला गया दो सूटकेस, अंदर मिले लाखों के नकली नोट
मालेगांव में 10 लाख के जाली नोटों के साथ मौलाना की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही ग्रामीणों और मस्जिद कमेटी ने मस्जिद के ऊपर बने उनके कमरे की तलाशी ली। कमरे में रखे दो बंद सूटकेसों को पुलिस ने मौके पर खोलकर देखा तो उनमें लाखों रुपये की नकली करेंसी मिली।
जिला जेल में बना था नकली नोट गिरोह, MBBS डॉक्टर था मास्टरमाइंड
जांच में सामने आया कि चोरी, गबन और अन्य मामलों में बंद आरोपी जिला जेल में मिले और वहीं से नकली नोट गिरोह की योजना तैयार हुई। गिरोह का मास्टरमाइंड डॉ. प्रतीक नवलखे (MBBS) निकला, जो पहले बुरहानपुर जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर रह चुका है। सरकारी राशि गबन के मामले में जेल जाने के बाद उसने नकली नोट छापने का नेटवर्क खड़ा किया। प्रतीक ने भोपाल की गोकुलधाम सोसायटी में एक फ्लैट किराए पर लेकर वहां से जाली नोट छापने का काम शुरू किया। नागपुर, मालेगांव, बुरहानपुर और अन्य शहरों में उसके एजेंट सक्रिय थे, जिनमें मौलाना जुबेर और वसीम शामिल हैं।
भोपाल में दबिशतीन आरोपी गिरफ्तार, भारी सामान जब्त
23 नवंबर को पुलिस ने गोकुलधाम सोसायटी में दबिश देकर तीन आरोपियों को पकड़ा। जिसमें डॉ. प्रतीक नवलखे, गोपाल उर्फ राहुल पंवार, दिनेश गोरे का नाम शामिल है। बता दें कि मौलाना जुबेर के कमरे से 19,78,000 के नकली नोट बरामद हुए थे। डॉ. प्रतीक के पास से 13 जाली नोट, 7 मोबाइल, लैपटॉप, 15 चेकबुक, 12 ATM कार्ड बरामद हुए, गोपाल से 6 जाली नोट, ड्रायर मशीन, 20 ATM कार्ड बरामद हुए और दिनेश से 17 नकली नोट बरामद किए गए।
प्रशासन पर सवाल-इतना बड़ा रैकेट वर्षों तक कैसे चलता रहा?
ग्रामीणों ने कहा कि मौलाना के कमरे में लंबे समय से संदिग्ध गतिविधियाँ चल रही थीं, लेकिन किसी विभाग ने जांच नहीं की। सवाल उठ रहे हैं कि इंटर-स्टेट स्तर के इस नेटवर्क की भनक प्रशासन को क्यों नहीं लगी। एसपी मनोज कुमार राय ने एएसपी महेंद्र तारनेकर के नेतृत्व में SIT बनाई है। जाँच में पता चला है कि नेटवर्क खंडवा, बुरहानपुर, भोपाल, नागपुर, मालेगांव और अमरावती तक फैला है। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर उनका रिमांड लिया गया है, ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।

