OBC आरक्षण से संबंधित सोशल मीडिया पर वायरल खबरें झूठी और भ्रामक, MP सरकार ने बताई सच्चाई
Wednesday, Oct 01, 2025-06:12 PM (IST)

भोपाल : सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही OBC आरक्षण से संबंधित सामग्री और टिप्पणियों को मध्यप्रदेश सरकार ने भ्रामक और असत्य करार दिया है। सरकार के अनुसार, यह वायरल जानकारी न तो राज्य के हलफनामे का हिस्सा है और न ही किसी आधिकारिक नीति या निर्णय का हिस्सा।
सरकार ने स्पष्ट किया कि वायरल सामग्री केवल मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रामजी महाजन द्वारा 1983 में प्रस्तुत अंतिम प्रतिवेदन (भाग-1) का हिस्सा है। यह आयोग 17 नवंबर 1980 को गठित हुआ था और 22 दिसंबर 1983 को अपना प्रतिवेदन तत्कालीन राज्य शासन को सौंपा गया था।
सोशल मीडिया पर ओबीसी आरक्षण से जुड़े कुछ भ्रामक कथन मध्यप्रदेश सरकार के हलफनामे से जोड़कर प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जो असत्य हैं।
— Jansampark Fact Check (@JansamparkFC) September 30, 2025
वस्तुस्थिति इस प्रकार है…@JansamparkMP#FactCheck pic.twitter.com/G8uKCGhXwl
मध्यप्रदेश सरकार ने कहा कि महाजन आयोग की रिपोर्ट सहित अन्य आयोगों के वार्षिक और विशेषज्ञ प्रतिवेदन हमेशा न्यायालय में प्रस्तुत किए जाते रहे हैं। सोशल मीडिया पर किसी एक हिस्से को संदर्भ के बिना फैलाना और उसे दुष्प्रचार के रूप में दिखाना गलत है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि महाजन आयोग ने 35% आरक्षण की सिफारिश की थी, लेकिन राज्य शासन ने केवल 27% आरक्षण लागू किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य का निर्णय महाजन आयोग की रिपोर्ट पर आधारित नहीं है।
राज्य सरकार ने आम जनता से अपील की है कि सोशल मीडिया पर ऐसे पुराने दस्तावेजों या रिपोर्टों को संदर्भ के बिना न फैलाएं, अन्यथा भ्रम और गलतफहमी बढ़ सकती है। सरकार ने चेताया कि इस प्रकार के दुष्प्रचार के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।