दिव्यांगों के नाम पर मिले 1000 करोड़ खा गए अधिकारी! HC के आदेश पर CBI ने मारा विभाग के दफ्तर पर छापा

Monday, Oct 06, 2025-05:39 PM (IST)

रायपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI की टीम ने आज माना स्थित समाज कल्याण विभाग के कार्यालय पर छापा मारकर घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। यह कार्रवाई राज्य स्त्रोत नि:शक्त जन संस्थान (SRC) से जुड़े लगभग 1000 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के तहत की गई। जानकारी के अनुसार, यह एनजीओ आईएएस अधिकारियों द्वारा बनाया गया था, जिसके माध्यम से सरकारी धन की बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। CBI टीम ने विभाग के उप संचालक से मुलाकात की और सभी जरूरी फाइलें व रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले लिए। 

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हाईकोर्ट का आदेश
24 सितंबर को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डबल बेंच जस्टिस पी.पी. साहू और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल ने इस घोटाले को गंभीर मानते हुए कहा था कि ‘यह मामला स्थानीय एजेंसियों या पुलिस जांच के लायक नहीं है।’ कोर्ट ने इसे संगठित और सुनियोजित अपराध बताते हुए सीबीआई को 15 दिनों के भीतर सभी दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू करने का आदेश दिया था।

इन IAS अधिकारियों पर आरोप
इस मामले में 6 वरिष्ठ IAS अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, विवेक ढांड (पूर्व मुख्य सचिव), आलोक शुक्ला, एम.के. राउत, सुनील कुजूर, बी.एल. अग्रवाल और पी.पी. सोती। इसके अलावा कई राज्य सेवा अधिकारियों जैसे सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एम.एल. पांडेय और पंकज वर्मा के नाम भी जांच के दायरे में हैं।

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क्या है पूरा मामला
यह घोटाला साल 2017 में एक जनहित याचिका (PIL) के माध्यम से उजागर हुआ था, जिसे रायपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर ने दायर किया था। याचिकाकर्ता के अनुसार, राज्य स्त्रोत नि:शक्त जन संस्थान नामक संस्था केवल कागजों पर ही मौजूद थी, और 2004 से 2018 तक लगभग 1000 करोड़ रुपये का सरकारी धन गबन कर लिया गया। आरटीआई से खुलासा हुआ कि जिस अस्पताल में याचिकाकर्ता को शासकीय कर्मचारी बताया गया था, वह वास्तव में एक एनजीओ द्वारा संचालित फर्जी अस्पताल था।

घोटाले के तरीके

  • फर्जी आधार कार्ड बनाकर बैंक खातों से करोड़ों रुपये की निकासी की गई।
  • अस्पताल उपकरणों की खरीद और रखरखाव के नाम पर भारी खर्च दिखाया गया।
  • पूर्व मुख्य सचिव अजय सिंह ने शपथ-पत्र में 150–200 करोड़ रुपये की अनियमितताओं का खुलासा किया था।


CBI की कार्रवाई से इस मामले ने एक बार फिर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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