इंदौर में हाहाकार, अतिक्रमण हटाने के दौरान सामूहिक आत्मदाह का प्रयास, रहवासियों ने अपने उपर छिड़का केरोसिन,गला काटने लगा युवक
Friday, Nov 14, 2025-05:18 PM (IST)
इंदौर (सचिन बहरानी): इंदौर के अन्नपूर्णा क्षेत्र में उस वक्त हाहाकार मत गया जब वहां अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई होने लगी। बीते एक सप्ताह से यहां कथा का आयोजन चला था, आज कथा के समापन के बाद अन्नपूर्णा मंदिर परिसर के अन्नपूर्णा ट्रस्ट द्वारा जिला प्रशासन से आग्रह किया गया की मंदिर से लगे अवैध अतिक्रमण हटाया जाए ।
लोग बोले- 90 से 100 सालों से यहीं रह रहे

अवैध अतिक्रमण से मंदिर में आने वाले जाने वालों के लिए बाधा बन रहे थे। जिला प्रशासन ने वहां रह रहे कई परिवारों को नोटिस देकर घर खाली करने की आदेश दिए थे, लेकिन रहवासियों का कहना है कि वो यहां पर 90 से 100 सालों से रह रहे हैं। उनकी पीढ़ियां यहां गुजर गई अब वो ये घर छोड़ना नहीं चाहते है। इंदौर नगर निगम और अन्नपूर्णा ट्रस्ट हमें जबर्दस्ती हटा रहे हैं।
लड़की पेड़ पर चढ़ गई और युवक गला काटने लगा

इसी अतिक्रमण मुहिम के खिलाफ रहवासियों ने सामूहिक आत्मदाह करने का प्रयास किया, रहवासियों ने अपनी ऊपर केरोसिन छिड़क लिया जिससे अफरा तफरी और हंगामा मच गया। एक रहवासी जिसका मकान टूट रहा था उसकी लड़की पेड़ पर चढ़ गई और वहां से आत्महत्या करने की कोशिश करने लगी। पुलिस ने उसे बड़ी मुश्किल से नीचे उतारा, लेकिन इसी बीच एक पुलिस वाला ऊपर से नीचे गिर गया और चोटिल हो गया। वहीं दूसरी ओर एक युवक द्वारा अपना गला काटने का प्रयास भी किया गया। इसी तरह से मौके पर भारी हंगामा मचा रहा और स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। लोग किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं थे।
निगम अमले को बगैर कार्रवाई के लौटना पड़ा

मामले में तहसीलदार यशिका दीक्षित ने कहा कि धारा 250 के अंतर्गत नोटिस दिया गया था। कोर्ट से भी इन्हें हटाने के आदेश हुए हैं, चार परिवार हैं जिसमें से दो परिवार ऐसे हैं, जिनके घर बाहर हैं, वह बाहर रहते हैं और यहां पर उन्होंने किराए से अपने मकान चला रखे हैं ।
दो परिवारों को नगर निगम के माध्यम से विस्थापित कर रहे हैं , इनका जितना समय शासन की तरफ से देना था उतना दिया जा चुका है लेकिन समय सीमा के अंदर इन्होंने अपने घर मकान नहीं हटाए जिसके चलते रिमूवल की कार्रवाई की जा रही है लिहाजा अतिक्रमणकारियों के जबरदस्त विरोध के चलते नगर निगम और जिला प्रशासन को मुहिम स्थगित करनी पड़ी। निगम के अमले को बगैर कार्रवाई के लौटना पड़ा।

