फर्जी निकला लव जिहाद का केस...सबकुछ जानते हुए हिंदू लड़की ने बनाए थे संबंध, कोर्ट ने किया बरी

Thursday, Apr 13, 2023-08:05 PM (IST)

इंदौर (सचिन बहरानी): मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में लव जिहाद का एक मामला फर्जी निकला। विजय नगर थाना  क्षेत्र में लव जिहाद के एक मामले में दो साल से जेल में बंद युवक को कोर्ट ने रिहा कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि, आरोपी ने अपने मुस्लिम होने की पहचान नहीं छुपाई थी। मतलब पुलिस द्वारा जो फरियादी की शिकायत पर अपराध दर्ज किया गया था वह पूरी तरह से फर्जी निकला।

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आपको बता दे पूरा मामला इंदौर के साल 2019 में युवक के खिलाफ एक युवती ने धर्म की पहचान छिपाकर और शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने की शिकायत दर्ज करवाई थी। पूरा मामला जिला न्यायालय के समक्ष चल रहा था। सबूतों के आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए युवक को दोषमुक्त करार दिया है। विजय नगर थाना पुलिस थाना क्षेत्र के कृष्ण बाग कॉलोनी में रहने वाली पीड़िता द्वारा विजय नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह वर्ष 2019 में एक कंपनी में काम करती थी। वहां उसकी मुलाकात आरोपी आकाश से हुई, जिसने अपना पूरा नाम आकाश उर्फ अरिफुल मलिक बताया था। इसके साथ ही उसने अपने आपको बंगाली हिंदू बताया था। जिसके बाद पीड़िता और आरोपी की दोस्ती हो गई और दोनों का साथ में घूमना-फिरना, साथ आना-जाना शुरू हो गया। युवती का आरोप था कि, आकाश ने उसे शादी का झांसा दिया और कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। शिकायत में आगे बताया गया कि, कुछ समय बाद अरिफुल ने पीड़िता से कहा कि वह मुसलमान है और वह पीड़िता से शादी करना चाहता है। लेकिन उसके लिए पीड़िता को अपना धर्म परिवर्तन करना होगा और धर्म परिवर्तन के बाद ही वह उससे शादी कर सकता है, जिस पर पीड़िता ने साफ इनकार कर दिया। वीडियो वायरल करने की धमकी दी।

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पीड़िता के इनकार करने के बाद आरोपी ने अपने परिवार वालों को सारी बात बता देने को कहा और सभी को जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता कुछ दिनों बाद आकाश से फिर मिली और आकाश ने उसका अश्लील वीडियो बना लिया और वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा। घटना के बाद पीड़िता ने विजय नगर थाना में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। वहीं पुलिस ने लव जिहाद का मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था। पूरे मामले में कोर्ट में आरोपी और पीड़िता की ओर से सभी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। आरोपी द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत किया गया कि पहली मुलाकात में ही आरोपी ने अपना नाम आकाश उर्फ अरिफूल मलिक बताया था। उपनाम से साफ जाहिर होता है कि वह मुसलमान था। इसके अलावा जिस समय पीड़िता और आरोपी दोनों एकांत कमरे में मुलाकात कर रहे थे। उस वक्त भी आरोपी के बैग में फॉर्म था जहां पर जाति मुस्लिम लिखी हुई थी। वहीं आरोपी द्वारा कुछ ऑडियो भी कोर्ट के सामने पेश किए गए। जिसमें पीड़िता और उसके परिवार की बातचीत में यह साफ जाहिर होता है कि परिवार को पहले ही पीड़िता ने बता दिया था कि, आकाश मुस्लिम है। जिसको लेकर उनके बीच विवाद भी हुआ था। पिता द्वारा कई बार पीड़िता को कहा गया कि, तुम किसी मुस्लिम व्यक्ति के चक्कर में मत आ जाना चाहे तो नौकरी छोड़ देना। सभी सबूतों ने कोर्ट के सामने यह साबित किया कि इस मामले में किसी प्रकार का लव जिहाद नहीं है। आरोपी ने अपनी पहचान नहीं छुपाई थी। कोर्ट द्वारा अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी आकाश को रिहा कर दिया गया है।


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meena

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