टमाटर आलू अब हुए नॉनवेज! केंद्रीय मंत्रालय की गजट नोटिफिकेशन ने मचाया बवाल, जानिए पूरा मामला

Monday, Sep 29, 2025-12:54 PM (IST)

भोपाल: मध्यप्रदेश के अशोकनगर में हाल ही में जारी गजट नोटिफिकेशन ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के तहत अब टमाटर और आलू की खेती में उपयोग होने वाले फर्टिलाइजर में जानवरों की चर्बी और मांस से बने प्रोटीन हाइड्रोलाइज़ेट को वैध कर दिया गया है। इस फैसले के बाद शाकाहारी समाज में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है।

शाकाहारी समाज की आपत्ति
एनके जीवमित्र, अध्यक्ष मिशन जीवनमित्र ने इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि यह फैसला शाकाहारी समाज के साथ अन्याय है और सरकार को इसे वापस लेना चाहिए।

क्या कहता है नोटिफिकेशन?
गजट नोटिफिकेशन के आईटम नंबर 26 में मछलियों के मांस और खाल से बने प्रोटीन हाइड्रोलाइज़ेट को आलू की खेती में फर्टिलाइजर के रूप में उपयोग करने की सिफारिश है। वहीं आईटम नंबर 30 में गौवंशीय पशुओं के मांस और चमड़े से बने प्रोटीन हाइड्रोलाइज़ेट को टमाटर की खेती में उपयोग करने की सिफारिश की गई है।

क्यों है विवाद?
टमाटर और आलू भारतीय खानपान में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली सब्जियां हैं, जिन्हें शाकाहारी समाज पवित्र और शाकाहारी मानता आया है। लेकिन पशु-आधारित तत्वों को इनके उत्पादन में शामिल किए जाने से अब इन्हें "मांसाहारी श्रेणी" में गिनने की चर्चा शुरू हो गई है। फिलहाल इस फैसले के विरोध में शाकाहारी समाज और सामाजिक संगठनों ने सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है। वहीं, कृषि मंत्रालय का कहना है कि यह संशोधन एफसीओ 1985 में किए गए बदलावों के तहत किया गया है।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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