नगर पालिका सीधी में छिड़ा गृह युद्ध! नगर पालिका कर्मचारी और नगर पालिका अध्यक्ष आए आमने सामने
Wednesday, Nov 05, 2025-02:52 PM (IST)
सीधी (सूरज शुक्ला) : नगरपालिका में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद, नगरपालिका के कर्मचारी लामबंद हुए और जिला कलेक्टर और सीएमओ को ज्ञापन सौंपा। नगरपालिका कर्मियों ने अध्यक्ष के ससुर एडवोकेट विनोद वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए। वही विनोद वर्मा ने कहा मेरी बहू अध्यक्ष है मैं एक लीगल एडवाइजर हूं, मुझे अध्यक्ष किसी विषय पर बात करने को बुलाएगी तो जाता हूं।

सीधी जिले की नगरपालिका में कांग्रेस नगर सरकार है लेकिन जब से सरकार बनी तब से कुछ ठीक नहीं चल रहा। कारण आपसी खींच तान और गुटबाजी,जिसको लेकर आज कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष आलोक सिंह आर आई के साथ आधा सैकड़ा कर्मचारी अपनी फरियाद लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां अध्यक्ष ससुर पर नगरपालिका में हस्ताक्षेप और कर्मचारियों से अभद्र भाषा के उपयोग का आरोप लगाया गया। साथ ही ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि अध्यक्ष अपने पद का कार्य करे अगर उनके ससुर हस्ताक्षेप करते हैं तो कर्मचारी संघ के माध्यम से वो सब हड़ताल कर कम प्रभावित करेंगे।

वही ज्ञापन लेने आए ADM ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बात सुनकर आश्वासन दिया है और जांच कर कार्यवाही की बात कही है। साथ ही नगरपालिका परिषद की सीएमओ को ज्ञापन सौंप कार्यवाही की मांग की गई। जहां सीएमओ से इस संबंध में पूछा गया तो उनका कहना है बाहरी व्यक्ति के द्वारा हस्तक्षेप किया जाता है। इसकी जानकारी प्राप्त हुई है जल्द ही कार्यवाही की जाएगी।

वही इस पूरे मामले को लेकर अध्यक्ष काजल वर्मा ने कहा कि पूरे नगर पालिका में भ्रष्टाचार मचा के रखे हुए हैं और कह रहे हैं कि अध्यक्ष व उनके ससुर मचाये है जबकि ऐसा कुछ नहीं है। मेरे ससुर आते हैं, लीगल एडवाइजर है, मैं उन्हें बुलाती हूं। वही अध्यक्ष के ससुर विनोद वर्मा ने कहा कि मेरा ऐसा कोई काम ही नहीं है कि मैं किसी से अभद्रता करने क्यों जाएंगे,यहां ऐसे कई कर्मचारी है जो खुद काम नहीं करते हैं,और उनको कुछ न कुछ बहाना चाहिए। अध्यक्ष जब बुलाएंगी तब मैं जाऊंगा क्योंकि मैं लीगल एडवाइजर हुं और अधिवक्ता भी हूं।
बहरहाल नगरपालिका में हो रहा खींचतान अब लोगों में चर्चा का विषय बना है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि लगभग 30 माह यानि ढाई वर्ष बीत जाने के बाद अब अध्यक्ष के ससुर पर अब कर्मचारियों द्वारा ऐसा आरोप कहीं न कहीं गुटबाजी की ओर इशारा करती है।

