PM आवास योजना के तहत मुश्किल हुआ 1.35 लाख रुपये में घर बनाना! आशियाना तो दूर उल्टे कर्जदार हो रहे हितग्राही
Monday, Sep 22, 2025-04:45 PM (IST)

(MP DESK): प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि सपनों का घर बनाने के लिए कम पड़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को 1.35 लाख रुपए में आशियाना बनाना मुश्किल हो रहा है। बजट कम होने से कई हितग्राहियों के आवास की छत, तो कहीं पर दीवारों पर प्लास्टर तक नहीं हो पाया है।
वैसे प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य गरीबों को अपना पक्का घर उपलब्ध कराना है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार शिकायतें आ रही हैं कि 1.35 लाख रुपये की स्वीकृत राशि में पक्का मकान बनाना लगभग असंभव है।
कर्जदार हो रहे हैं कई हितग्राही
कई जिलों में हितग्राही मजबूरी में निजी साहूकारों या बैंकों से कर्ज ले रहे हैं। निर्माण सामग्री की कीमतें, मजदूरी दर और परिवहन खर्चों में लगातार वृद्धि के कारण स्वीकृत राशि पर्याप्त नहीं पड़ रही। कुछ लाभार्थी यह भी बता रहे हैं कि मकान अधूरा रह जाने से उन्हें दोहरी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। न पक्का घर तैयार हो पा रहा और न ही लिए गए कर्ज का भुगतान करना आसान है।
ग्रामीण विकास विभाग के सूत्रों का कहना है कि योजना की राशि को कई बार बढ़ाने के प्रस्ताव केंद्र तक भेजे गए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई और निर्माण लागत के हिसाब से वित्तीय सहायता का पुनर्मूल्यांकन जरूरी है, वरना योजना के उद्देश्यों पर सवाल खड़े होते रहेंगे।
1.35 लाख में मकान बनाना हुआ मुश्किल
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से अपील की है कि या तो आवास योजना की स्वीकृत राशि बढ़ाई जाए या फिर निर्माण सामग्री पर सब्सिडी जैसी राहत दी जाए, ताकि गरीब परिवार बिना कर्जदार हुए अपना पक्का घर बना सकें।
वहीं अगर बात करें तो शहरी क्षेत्र की तो इसी योजना में 2.50 लाख की राशि हितग्राही को मिलती है। ग्रामीण हितग्राही को ईंट से लेकर सलिया, सीमेंट आदि सामग्री शहर से लाना पड़ता है। शहरी क्षेत्र में वहीं सामग्री उपलब्ध होने से उन्हें ज्यादा लागत नहीं आती है।