धमधा में ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ बना मजाक! तालाबों की नगरी कही जाने वाली ''गंदगी के गढ़'' में तब्दील!
Friday, Sep 26, 2025-06:45 PM (IST)

धमधा(हेमंत पाल): देशभर में स्वच्छता पखवाड़े को लेकर उत्साह है लेकिन धमधा नगर पालिका क्षेत्र में यह कहीं नहीं दिख रहा है। नगर में हर गली, हर चौराहा और हर तालाब गंदगी की कहानी खुद बयां कर रहा है। नगर पालिका द्वारा सफाई और नाली सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
गंदगी की नदियां, टूटी नालियां और बदबूदार हवा
धमधा की सड़कों पर पसरी टूटी-फूटी नालियां और उनमें भरा गंदा, बदबूदार पानी साफ जाहिर करता है कि नगर में सफाई का कोई वास्तविक प्रयास नहीं किया जा रहा। इन नालियों से उठती दुर्गंध और मच्छरों का आतंक मलेरिया, डेंगू जैसे रोगों को दावत दे रहा है।
सड़क किनारे कचरा, मवेशियों की जान पर बन आई
नगर की सड़कों के किनारे बेतरतीब तरीके से फेंका गया कचरा और पॉलिथीन न सिर्फ वातावरण को गंदा कर रहा है, बल्कि इसे खाकर मवेशी बीमार हो रहे हैं। आए दिन गोवंश बीमार होकर सड़कों पर तड़पते नजर आते हैं, पर नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी जैसे मौन व्रत पर बैठे हों।
तालाबों की नगरी… अब बन चुकी है 'गंदगी का गढ़'
धमधा को तालाबों की नगरी कहा जाता है, लेकिन आज हालत यह है कि तालाबों में जलकुंभी, प्लास्टिक, घरेलू कचरा और मवेशियों की गंदगी तक तैर रही है। सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों का बजट पास होता है, पर जमीनी काम शून्य है।
सफाई सिर्फ सोशल मीडिया पर, जमीन पर जीरो
नगर पालिका के सोशल मीडिया पेज पर झाड़ू लगाते अधिकारियों की तस्वीरें, स्वच्छता शपथ और फूलों से सजे पोस्टर तो दिखते हैं, लेकिन जब आम नागरिक गली में कदम रखता है तो उसे सड़क पर फैला कचरा, बजबजाती नालियां और मच्छरों की फौज नजर आती है। ऐसा प्रतीत होता है कि धमधा में स्वच्छता पखवाड़ा सिर्फ कैमरे के सामने मनाया जा रहा है, जबकि जनता गंदगी के बीच जीने को मजबूर है।
नगरवासियों ने अव्यवस्था पर उठाए सवाल
नगर के कई वार्डों में महीनों से सफाई कर्मचारी नहीं दिखे। गंदगी की वजह से लोग बीमारी, बदबू और मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो नगर को "स्वच्छ नगर" के बजाय "गंदगी नगर" घोषित कर देना चाहिए।