MP: इंजीनियरिंग अब हिंदी में! इंदौर के छात्रों के लिए बड़ी राहत, जानिए कौन‑कौन सी ब्रांचें हैं शामिल

Friday, Sep 26, 2025-11:56 AM (IST)

इंदौर। तकनीकी शिक्षा को स्थानीय भाषा के करीब लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एसजीएसआइटीएस) ने घोषणा की है कि अगले शैक्षणिक सत्र से सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांचों में पढ़ाई हिंदी माध्यम में भी उपलब्ध कराई जाएगी — हर शाखा के लिए 60‑60 सीटों की अनुमति मिल चुकी है।

इसके साथ ही संस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स शाखा को भी हिंदी में शुरू करने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है और उस पर स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यदि यह योजना समय पर पास हो जाती है तो विद्यार्थियों के पास कुल पाँच इंजीनियरिंग शाखाओं में हिंदी माध्यम का विकल्प उपलब्ध होगा — जो खासकर ग्रामीण और हिंदी‑पृष्ठभूमि वाले छात्रों के लिए फायदेमंद रहेगा।

नए पाठ्यक्रम लागू करने से पहले बोर्ड ऑफ स्टडीज़ की बैठक बुलाकर एआइसीटीई के मापदण्डों के अनुसार सिलेबस तैयार किया जाएगा। उसके बाद संबंधित पाठ्यपुस्तकों का हिंदी अनुवाद कराकर कक्षाओं में वितरित किया जाएगा। संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि हिंदी माध्यम के छात्रों को बेहतर करियर‑सुविधा देने के लिए ब्रिज कोर्स और अन्य सहायक प्रशिक्षण पर भी काम किया जा रहा है ताकि वे न केवल पाठ्यपुस्तक ज्ञान हासिल करें बल्कि इंडस्ट्री के ग्राउंड‑लेवल काम में भी आत्मविश्वास के साथ उतर सकें।

विशेषज्ञों के मुताबिक यह पहल स्किल डेवलपमेंट को मजबूत करेगी और लोकल इंडस्ट्रीज़ में रोजगार के अवसर बढ़ाने में मददगार होगी। संस्थान प्लेसमेंट टीम पहले ही इंडस्ट्री के साथ यह चर्चा कर रही है कि हिंदी माध्यम के छात्रों में किन‑किन कौशलों को और विकसित करने की जरूरत है, ताकि उनके समकक्ष प्लेसमेंट में किसी प्रकार की कमी न रहे।


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Content Editor

Himansh sharma

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