आंखें बंद किए बैठा प्रशासन, भू-माफिया निगल रहे करोड़ों की बेशकीमती जमीन: पूर्व MLA राजकुमार उरमलिया
Saturday, May 06, 2023-03:14 PM (IST)

रीवा (सुभाष मिश्रा): करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर भू माफिया के द्वारा कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है और प्रशासन आंखे बंदकर इन्हें मौन संरक्षण प्रदान कर रहा है! हद तब हो गई जब रमगढ़वा ग्राम पंचायत की 30 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा हो गया। रमगढ़वा ग्राम पंचायत से लगी अतरैला ग्राम पंचायत की शासकीय भूमि सैकड़ों एकड़ जमीन से लेकर लगभग 15,20 एकड़ जलाशय (तालाब) भी भू-माफिया ने कब्जा कर लिया है। वहीं राजस्व विभाग के अफसर अतिक्रमणकों को नोटिस देकर खानापूर्ति कर रहे हैं!
30 एकड़ सरकारी जमीन से कब्जा नहीं हटा पाया प्रशासन!
एक तरफ प्रशासन सरकारी जमीन पर दुकान लगाकर रोजगार करने वालों को उजाड़ने में रत्तीभर भी देरी नहीं करता है। वहीं दूसरी ओर करीब सैकड़ों करोड़ की सरकारी जमीन हड़पने वालों की ओर देखने तक की जहमत नहीं उठाई जा रही है। जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण करोड़ों की सरकारी जमीन भू-माफिया के कब्जे में जाने का मामला रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा क्षेत्र ग्राम पंचायत रमगढवा तीस एकड़ जमीन जो ग्राम पंचायत अतरैला से मुख्यालय रीवा की और जाने वाले हाइवे रोड के आमने सामने बेशकीमती की शासकीय भूमि पर सैकड़ों एकड़ की जमीन पर अवैध रूप से भू-माफिया ने क्रय विक्रय कर दिया।
ऐसे सामने आया अतिक्रमण का मामला
मामला तब सामने आया जब रमगढवा सरपंच द्वारा तहसील कार्यालय में आवेदन दिया कि उक्त आराजी न. 558/2/527 रकवा 12.248 ( 30 एकड़) जमीन में अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा अवैध रूप से सम्पूर्ण भूमि पर अतिक्रमण कर भवन निर्माण व कॉलोनियों का निर्माण कर लिया गया है। उक्त आराजी रीवा, डभौरा एवं सतना मुख्य मार्ग से लगीं हुई है। वहीं अतरैला बाजार से मुख्य मार्ग रीवा मुख्यालय की ओर जाता है ग्राम पंचायत अतरैला की शासकीय भूमि व 10 से 15 एकड़ का तालाब में भू-माफिया ने अवैध रूप से सम्पूर्ण अतिक्रमण कर लिया है। राजस्व के जानकार बताते हैं कि अतरैला बाजार में 80 प्रतिशत सरकारी जमीन पर भू-माफिया ने अवैध रूप से सम्पूर्ण कब्जा किया हैं।
कागजों में सिमटकर रह गई है सरकारी भूमि
भू-माफिया के द्वारा अवैध रूप से शासकीय जमीन पर कब्जा कर लिया, ऐसा एक नहीं सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में शासकीय भूमि और तालाबों पर अवैध निर्माण कराए गए हैं। कुछ तालाबों का तो अस्तित्व ही मिटा दिया गया है। कुछ तालाब और शासकीय भूमि क्रय विक्रय तक कर दिया गया है। अब तो सिर्फ कागजों पर ही शासकीय भूमि व जलाशय दिखाई देते हैं। जमीन पर तो कहीं अस्तित्व ही नहीं बचा है। राजस्व विभाग कर्मचारियों और अफसरों की मिलीभगत, अफसर आंखें बंद कर मौन संरक्षण दे रहे हैं। तो पंचायत प्रतिनिधि भी डर या अन्य कारणों से अतिक्रमण हटाने गंभीर नहीं, वहीं अतिक्रमण हटाने में शासन प्रशासन के फूल रहें हाथ पांव हैं।
सरकारी जमीन को मुक्त कराने की गुहार लगाते नजर आए पूर्व विधायक
वहीं पूर्व विधायक राजकुमार उरमलिया (Ex MLA Rajkumar Urmaliya) ने कहा सरकार भूमाफिया से शासकीय जमीन मुक्त करायें, लेकिन जो गरीब है उसका भी ख्याल करें परन्तु जिन्होंने करोड़ की संपत्ति बनाने के बाद भी शासकीय जमीन पर कब्जा किया है। शासन प्रशासन को सर्वे करा लेना चाहिए जो बाकी गरीब है उनको छोड़कर बाकी सभी भू माफियाओं को हटा देना चाहिए। पूर्व विधायक ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि गांव का विकास होना चाहिए।