खाद की कालाबाजारी का अजब खेल: यूरिया की एक बोरी के पीछे 5-10 रुपए ज्यादा वसूल रहे अधिकारी, बोले- चिल्लर नहीं होती इसलिए..
Saturday, Nov 08, 2025-01:51 PM (IST)
पन्ना (टाइगर खान) : पन्ना ज़िले में इन दिनों किसान दोहरी मार झेल रहे हैं। एक ओर बे-मौसम बारिश ने धान की फसल को बर्बाद कर दिया, तो वहीं अब खाद संकट ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार पन्ना जिले के कई इलाकों में यूरिया और डीएपी खाद की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। किसान कई दिनों से वेयरहाउस और सहकारी समितियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें शासन से निर्धारित दर पर खाद नहीं मिल रही।

आपको बता दें कि जहां सरकार ने यूरिया की कीमत 266.50 तय की है, लेकिन किसानों से 270 से लेकर 280 तक वसूले जा रहे हैं। यानी प्रति बोरी 8 से 9 रुपये तक अधिक वसूली की जा रही है। किसानों का कहना है कि मजबूरी में उन्हें ऊंचे दामों पर खाद खरीदनी पड़ रही है, ताकि बची हुई फसल को संभाला जा सके।

वहीं एस.एल. ध्रुव विपणन अधिकारी पन्ना ने खाद की कालाबाजारी पर कहा कि हमारे जहां यूरिया की बोरी 266.50 पैसे में ही विक्रय होती है, लेकिन बाजार में चिल्लर की दिक्कत है और चिल्लर नहीं होती तो एक बोरी 270 में दी जा रही। 4-5 रुपए ज्यादा वसूलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चिल्लर नहीं होती इसलिए ऐसा होता है।

किसान कहते है कि हम लोग तीन-तीन दिन से लाइन में लग रहे हैं, फिर भी खाद नहीं मिल रही। जब मिलती है तो सरकारी रेट से ज़्यादा पैसों में देते हैं।

वही खाद की कालाबाजारी और बड़ी कीमतों पर नेतागिरी भी हावी हो गई है, कांग्रेस नेता आनंद शुक्ला ने कहा सीधे-सीधे किसानों को दोहरी मार झेलना पड़ रही है, हम इसका विरोध करते हैं।

