लापता बेटी के लिए आमरण अनशन पर बैठा पिता, बोला- डेडबॉडी ही दे दो, दिग्विजय ने सरकार को घेरा

3/29/2022 7:34:41 PM

नीमच(मनीष बागड़ी): एक ऐसा दिन जिसको पूरे देश में महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसके उपलक्ष्य में महिलाओं का अनेक प्रकार से सम्मान किया जाता है। लेकिन उसी महिला दिवस पर एक बेटी का पिता भूख हड़ताल पर बैठता है और प्रशासन से पूछता है कि मुझे बता दो मेरी बेटी जिंदा भी है या मर गई मुझे न्याय दो जब तक मुझे यह नहीं बता दे कि मेरी बेटी का है मैं यहां से नहीं हिलूंगा और करीब 20 दिन बीत चुके हैं लेकिन पुलिस प्रशासन के अधिकारी बालिका को ढूंढने में नाकाम रहे। वही बेबस पिता संबंधित थाना प्रभारी पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं पिता का कहना है कि थाने से मुझे गाली देकर भगा दिया गया। न्याय के लिए मैं अपनी बाइक से भोपाल भी गया मुख्यमंत्री गृह मंत्रालय में चर्चा के बाद पुलिस ने मामला तो दर्ज कर दिया मगर मेरी बेटी को नहीं ढूंढ सके। आरोपी को भी गिरफ्तार किया मगर उनसे भी मेरी बेटी को बरामद नहीं कर सके हैं। थाना प्रभारी ने एक मोटी रकम ली है मेरी बेटी के दोषी को बचाने के लिए पिता की 22 दिन की हड़ताल के बाद भी अब तक जनप्रतिनिधि भी पिता को इतना विश्वास नहीं दिलवा पाए।

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बेटी को ढूंढने के लिए पुलिस की टीम लगी हुई और उनके हालचाल पूछने के लिए भी भाजपा का एक नेता विधायक मंत्री नहीं पहुंचा। तो वहीं कांग्रेस ने इसे एक मुद्दा बना लिया है और कांग्रेस के पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा जरूर बालिका के पिता से मिलने पहुंचे और मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मामले में राजनीति न हो और बालिका के पिता को न्याय मिलना चाहिए। वही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार को घेरा है और पूछा कि हिंदू धर्म पर राजनीति करने वाले मौन क्यों हैं।

जी हां यह पूरा मामला है नीमच जिले का जहां एक बेटी जो पिछले 13 महीने करीबन से लापता है। जिसको अपरहण करने वाले आरोपी तो पकड़ लिए गए लेकिन उस बेटी का अभी तक पता नही चल पाया है, कि वह जिंदा भी है या फिर उसकी हत्या कर दी गई है। सम्मान के उस महिला दिवस के दिन क्लेक्टर कार्यलय में जन सुनवायी के बाद लापता बेटी के पिता को नही मिला न्याय तो पिता इस लाचारी ओर बेबसी की दौर में भूख हड़ताल का रास्ता अपनाने में मजबूर हो गए। जहाँ नीमच क्लेक्टर कार्यालय परिसर में स्थित मंदिर के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गए।

मामला जिले के मनासा थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम आतरी बुजुर्ग का है, जहां करीबन 13 महीने पूर्व एक नाबालिग युवती का चार युवकों ने अपहरण कर लिया था। घटना के कुछ दिन बाद पुलिस ने आरोपियों को तो गिरफ्तार लिया, लेकिन अब तक युवती लापता है। न्याय की मांग को लेकर युवती के परिजन कलेक्टर कार्यालय परिसर में धरने पर बैठ गए है। लापता युवती के पिता राकेश जोशी ने बताया कि उन्होंने 25 फरवरी को कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया था कि यदि बेटी को पुलिस ने नहीं खोजा तो वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। शिकायत के बाद भी युवती नहीं मिली। जिसके बाद महिला दिवस के दिन मंगलवार को युवती के पिता कलेक्टर कार्यालय परिसर स्थित मंदिर पर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
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राकेश जोशी ने बताया कि 23 फरवरी 2021 को उनकी बेटी बाजार में सामान लेने निकली और वापस नहीं आई। 28 जनवरी 2022 को इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने अपहरण का जुर्म कबूल किया, परंतु आज तक बेटी वापस घर नहीं लौटी। ना ही पुलिस ने उसे बरामद किया। पुलिस के पास जाते हैं तो पुलिसकर्मी गालियां देकर भगा देते है। कई बार उच्चाधिकारियों को शिकायत की गई, लेकिन कोई न्याय नहीं मिला। पिता राकेश जोशी ने बताया कि जब तक उसे उसकी बेटी वापस नहीं मिल जाती तब तक वह भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे।

लापता बेटी के पिता को भूख हड़ताल पर बैठने के बाद पिता को समझाने के लिए अलग अलग दिन एस डी एम ममता खेड़े, सीएसपी राकेश मोहन शुक्ला व खुद एसपी सूरज कुमार वर्मा भी आए लेकिन सिवाय आश्वाशन के कुछ नहीं मिला और लापता बेटी के पिता जोशी का कहना है कि मुझे मेरी बेटी का चाहिए। भले वो कंही भी हो और भले उसकी हत्या भी कर दी गई हो तो भी मुझे इस बात का पता तो चले। पिता इस जिद्द को लेकर लगातार भूख हड़ताल पर बैठे रहे। लेकिन पिता को भूख हड़ताल पर बैठे हुए 18 दिन करीबन हो गए है। लेकिन अभी तक प्रशासन लाचार ओर बेबसी के रूप में दिखाई दे रहा है।
पिता का कहना है जब चारों अपराधी पकड़े गए है, तो फिर मेरी बेटी कहां है। मुझे मेरी बेटी का खुलासा चाहिए, भले वो जिंदा हो या फिर उसकी हत्या कर दी गयी हो। मुझे इस बात का पता तो चले। और इसके साथ साथ मनासा थाना टीआई कन्हैया लाल दांगी और उनके साथ आजाद मोहम्मद खान पर भी जांच हो। तब तक मैं भूख हड़ताल पर बैठा रहूंगा। वही नीमच एसपी सूरज कुमार वर्मा का कहना है कि हमारा प्रयास जारी है कि जल्द से जल्द बच्ची मिल जाए। इस मामले में एक एस आई टी गठित की गई है। जिसमें और भी अधिकारियों को शामिल किया गया है। और साथ मे एडीशन एसपी व मैं खुद भी सुपरवाइज कर रहा हूं। विगत 22 दिनों से पिता भी कलेक्टोरेट में आमरण अनशन पर बैठे हैं। पीड़ित पिता को कई संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है। कई संगठनों ने पीड़ित की बेटी की घर वापसी को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया।


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Content Writer

meena

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