MP में बिजली चोरी पकड़वाने वाला बनेगा मालामाल! इनाम इतना कि सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे
Saturday, Nov 22, 2025-02:03 PM (IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियों ने बिजली चोरी रोकने के लिए ऐसा विवादित कदम उठा दिया है, जिसने इंजीनियरों में भारी नाराजगी फैला दी है। अब वी-मित्र ऐप पर बिजली चोरी की शिकायत सही पाए जाने पर मिलने वाला इनाम कंपनी नहीं, बल्कि संबंधित क्षेत्र के जूनियर इंजीनियर (JE) और असिस्टेंट इंजीनियर (AE) की सैलरी से काटकर दिया जाएगा।
इंजीनियरों में गुस्सा, कई नौकरी छोड़ने की सोच रहे
कंपनी के आदेश के बाद कई जिलों के इंजीनियरों में रोष है। उनका कहना है कि चोरी रोकने की जिम्मेदारी पूरी टीम की है, लेकिन सजा सिर्फ मैदानी इंजीनियरों को दी जा रही है। इंजीनियरों ने इसे अन्यायपूर्ण और मनमाना निर्णय बताया है। स्थिति ऐसी है कि कई JE-AE नौकरी छोड़ने तक की बात कह रहे हैं।
ऊपर की उपलब्धि साझा, नीचे पूरा ठीकरा!
ऊर्जा विभाग से लेकर टॉप मैनेजमेंट तक उपलब्धि का श्रेय तो सब साझा करते हैं, लेकिन चोरी रोकने में नाकामी की पूरी जिम्मेदारी सिर्फ JE-AE पर थोप दी गई है।
कंपनी इस आदेश को जल्द ही मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र में भी लागू करने जा रही है, जिससे विवाद और बढ़ने की आशंका है।
50 हजार तक इनाम – सीधे JE–AE की सैलरी से कटौती
कोई भी व्यक्ति V-Mitra App पर शिकायत दर्ज कर सकता है।
शिकायत सही होने पर ₹50 से ₹50,000 तक का इनाम तय है।
यह इनाम कंपनी अपने बजट से नहीं देगी।
सीधे JE और AE के वेतन से कटौती करके शिकायतकर्ता को रकम ट्रांसफर होगी।
JE पर सबसे ज्यादा असर इसलिए कि मैदान में वही तैनात रहते हैं।
AE, DE और बड़े स्तर के अधिकारी चोरी वाले क्षेत्रों में नहीं होते, इसलिए उन पर कटौती का खतरा कम।
पहले भी आए विवादित आदेश
कैसे होती है शिकायत?
शिकायतकर्ता को V-Mitra App पर
नाम
मोबाइल नंबर
अकाउंट नंबर
भरकर चोरी की जानकारी देनी होती है। शिकायत सही पाए जाने पर 7 दिन के भीतर इनाम सीधे बैंक खाते में पहुंच जाता है—इंजीनियरों की सैलरी से कटकर।

