सूदखोरों के जाल में रायसेन,कर्ज में दबे लोग मौत चुनने को मजबूर, ब्याज खत्म ही नहीं होता, ATM ,पासबुक भी सूदखोंरों के कब्जे में

Monday, Oct 06, 2025-09:02 PM (IST)

रायसेन (शिवलाल यादव): रायसेन जिले में सूदखोरों का मकड़जाल फैल चुका है।  जिला मुख्यालय सहित गांवों ,कस्बों में पुलिस की मिलीभगत से सूदखोर हावी है। सूदखोरों के जाल में फंसने से लोगों को परेशानी हो रही हैं। शहर से लेकर देहात तक सूदखोरों का नेटवर्क फैला हुआ है। हाल यह है कि रायसेन शहर के आर्थिक स्थिति से तंग जरूरतमंद लोग कर्ज में गढ़ते चले जा रहे हैं।

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ऐसी स्थिति में लोग घर गृहस्थी का सामान और जेवरात बेचने को मजबूर हैं। गांव के किसान फसल बेचकर सूदखोरों का मनमाना ब्याज का कर्ज चुका रहे हैं, लेकिन सूदखोरों का ब्याज खत्म नहीं हो रहा है। रायसेन सिटी में भी हजारों सूदखोर साहूकारी का सरकार से लायसेंस लिए बगैर सूदखोरी का कारोबार पुलिस से बैखोफ होकर इत्मीनान से कारोबार कर जमकर कमाई कर रहे हैं।

रायसेन में दर्जनों मामले

रायसेन शहर,तहसील गैरतगंज बेगमगंज, सिलवानी में इस तरह के एक नहीं कई मामले हैं। एक मामले में तो एक व्यक्ति को कर्ज देने वाले ने मानसिक रूप से इतना परेशान किया कि वह आत्महत्या करने को मजबूर हो गया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। कई मामलों में पुलिस-प्रशासन के पास पीड़ितों ने सूदखोरों से बचाने की गुहार तक लगाई है। कई बार सूदखोरों के चंगुल में फंसकर लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं।

5 से 10 प्रतिशत महीने का लेते हैं ब्याज.....

सूदखोर लोगों को अपने चक्रव्यूह में फंसाकर पांच से दस प्रतिशत महीने ब्याज दर पर रुपये ब्याज पर देते हैं। इनमें ज्यादातर अवैध रूप से सूदखोरी का धंधा कर रहे हैं। इनके चंगुल में फंसे कुछ लोग तो ऐसे हैं, जिन पर इस कदर ब्याज चढ़ गया है कि अब उसे चुकाना उनके लिए बड़ा मुश्किल है।उनके पास अपनी घर गृहस्थी का सामान, गहने भी गिरवी रख दिए हैं।

अवैध तरीके से कर रहे ब्याज का धंधा....

शहर सहित आसपास के गांव कस्बों और जिले में दर्जनों लाइसेंसी साहूकार हैं, लेकिन अवैध रूप से यह धंधा करने वालों की संख्या सैकड़ों से हजारों तक पहुंच गई है।  पुलिस पर सूदखोरों के साथ देने का आरोप लग रहा है। सूदखोरों के चंगुल में फंसने के बाद कम ही कर्जदार उनके जंजाल से बाहर आ पाते हैं।

सूदखोरों के पास रहती है पासबुक और एटीएम.....

कर्जदारों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक चालाक सूदखोर जिन्हें रुपये कर्ज देते हैं, लिखा-पढ़ी करके चैक, बैंक पासबुक और एटीएम भी अपने पास रख लेते हैं।उनके एटीएम के पासवर्ड भी ले लेते हैं।कुछ जरूरतमंद छोटे व्यापारी और किसान सहित सरकारी कर्मचारी भी इनके चंगुल में फंसे हुए हैं।उनके महीने की तनख्वाह भी सूदखोर एटीएम से निकाल लेते हैं।

यहीं नहीं सूदखोर अपने पास बदमाशों की गैंग से भी जरूरतमन्दों की पिटाई करवाने में कोई चूक नहीं करते।वह बदमाशों के जरिए उनकी प्रॉपर्टी वाहन अन्य जायदाद भी हड़प लेते हैं।पुलिस से भी साहूकारों के याराना संबंध रहते हैं।साहूकार और सूदखोर मूल रकम पर ब्याज का मीटर इतना घुमाते हैं कि वह कंगाल हो रहे हैं। जब इस संबंध में एसपी पंकज पांडे से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायत और प्रूफ मिलने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाती है।

वहीं करहोद में रमेश लोधी सालों से बगैर लाइसेंस के सूदखोरी के गौरखधंधे से जुड़े हुए हैं।ब्याज का नेटवर्क फैलाते हुए उनकी सल्तनत करहोद हक़ीमखेड़ी, कानपोहरा तौर अंधेर सगोनिया सांचे गांवों में फैली हुई है। वह 8 से 10 और 10 से15 प्रतिशत मोटी दर पर ब्याज से नकदी रुपये कर्ज पर बांटते हैं। लिहाजा रायसेन में सूदखोरों का खौफ है औऱ पुलिस पर मिलीभगती का जिससे समस्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।


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Content Editor

Desh sharma

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