सनातन हिंदू एकता पदयात्रा: 5 किमी लंबी कतार का 3 लाख से अधिक लोगों ने किया स्वागत, बाबा बागेश्वर बोले-हिंदू कोई धर्म नहीं विचारधारा है
Friday, Nov 07, 2025-08:06 PM (IST)
दिल्ली/छतरपुर (राजेश चौरसिया) : हिंदू राष्ट्र बनाने और समरसता का संकल्प लेकर सनातन हिंदू एकता पदयात्रा निकल पड़ी। देश भर से आए संतों के सानिध्य में दीदी मां ऋतंभरा सहित संत महात्माओं ने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को धर्म ध्वजा देकर पदयात्रा को रवाना किया। बागेश्वर महाराज ने कहा कि आज का यह दिन पहले से ही इतिहास के पन्नों में दर्ज है और फिर से इतिहास बन रहा है। धर्म सम्राट करपात्री महाराज ने गौ माता का आंदोलन शुरू किया था। उन्होंने आह्वान किया कि आज संतों का साथ, सनातनियों का हाथ और नवंबर सात, लक्ष्य के लिए निकल पड़ों। महाराज ने कहा कि पूरी दुनिया को हिंदुओं की ताकत का पता चलना चाहिए। परिवार की लड़ाई खत्म करने के लिए विचारों की लड़ाई के लिए यह पदयात्रा निकल रही है। हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि विचारधारा है।

छतरपुर के सिद्ध पीठ कात्यायनी माता मंदिर प्रांगण से पदयात्रा शुरू हुई। पद यात्रा शुरू होने के पहले मंचीय कार्यक्रम हुआ इसमें आदिगुरु शंकराचार्य की, भारत माता और गंगा-जमुना की आरती की गई। महाराज ने मंच पर आने के पहले कात्यायनी माता मंदिर पहुंचे और माता का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। गौ माता का पूजन होने के बाद संतों ने महाराज को पटकी पहनाई। बागेश्वर महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज के गौ आंदोलन को आगे बढ़ाने का समय आ गया है।

संत समाज एक साथ बैठकर इस संकल्प को पूरा करने के प्रयास में एकजुट है। यह यात्रा राजनीतिक नहीं आध्यात्मिक है इसीलिए यह दिल्ली से वृंदावन जा रही है। गांव गांव शोर होगा एकता पर जोर होगा। यात्रा की शुरुआत के पहले जैन संत लोकेश मुनि महाराज, शनिधाम के दाती महाराज, अभय दास महाराज, जगतगुरु भैया दास महाराज, कोटवन के मोनी जी महाराज सहित अन्य विद्वत संतों ने अपनी वाणी से उपस्थित सनातनियों को आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर पूज्य गीता मनीषी, दीदी ऋतंभरा, बालक योगेश्वर दास महाराज, दाती महाराज, जैन संत लोकेश मुनि, चिदानंद स्वामी, पुंडरीक महाराज, कथा व्यास संजीव कृष्ण महाराज, श्रंगारी महाराज छतरपुर, राज राजेश्वरानंद महाराज लंदन, रसराज महाराज, कोटवन मोनी महाराज, माधव दास महाराज राजू दास महाराज पनकी के हनुमान मंदिर के महंत, राम जी महाराज, तन्मय वशिष्ठ जी सहित बड़ी संख्या में साधु संत और हजारों की तादाद में सनातनी उपस्थित रहे।

कुचक्रों को कुचलने का समय आ गया: दीदी मां
वात्सल्य ग्राम श्री धाम वृंदावन की दीदी मां साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि जहां सद्भावना होती है वहां संपत्ति और सफलता अवश्य उपस्थित होती है। जब भी देश को जरूरत होती है तो भारत माता बागेश्वर सरकार जैसे लाल को जन्म देती है। दीदी मां ने कहा कि अब कुचक्रों को कुचलने का समय आ गया है। धर्म के अनूठे अनुष्ठान के लिए जन चेतना का यह अभियान बिना रुके आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा विधर्मियों को करारा जवाब देगी।
भारत को जगतगुरु बनाने का आधार बनेगी पदयात्रा: गीता मनीषी महाराज
प्रख्यात संत गीता मनीषी जी महाराज ने कहा कि समय की आवश्यकता है इसीलिए यह पदयात्रा निकल रही है। पदयात्रा का संकल्प बागेश्वर बालाजी और बांके बिहारी के मिलन तक सीमित नहीं है बल्कि वंचित और अपने आप को कमतर मानने वाले लोगों के मिलन का अवसर है। यह यात्रा समरसता की माला पिरोने का काम करेगी। यात्रा भारत माता के कंठ का श्रृंगार बनेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से धर्म को कुचलने के प्रयास किया जा रहे हैं उन विधर्मियों को यह पदयात्रा जवाब दे रही है।
राष्ट्रगान, हनुमान चालीसा, वंदे मातरम के बाद लिए गए सात संकल्प
यात्रा की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। महाराज ने सभी से वंदे मातरम गाने का आह्वान किया। इसके पश्चात हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। सनातन हिंदू एकता पदयात्रा जिन सात संकल्पों को लेकर निकाली जा रही है। उन संकल्पों को मां कात्यायनी और बालाजी को साक्षी मानकर दोहराया गया। महाराज ने सभी सनातनी पद यात्रियों को संकल्प दिलाया कि वे अपने सनातन धर्म की आन बान शान के लिए खड़े रहेंगे।
सड़क पर उतरी दिल्ली, हर तरफ लोगों का सैलाब
सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में जहां हजारों की तादाद में देशभर से आए सनातनी चल रहे हैं। वहीं दिल्ली भी कदम से कदम मिलाने के लिए सड़क पर उतर आई। हजारों लोग पदयात्रा के साक्षी बने। अपनी ललचाई आंखों से लोग न केवल यात्रा को देख रहे थे बल्कि उन्हें यात्रा की अगुवाई कर रहे बागेश्वर महाराज के संकल्प पर भरोसा है और वह उम्मीद कर रहे हैं कि सबके सहयोग से देश की दशा और दिशा बदलेगी।
5 किलोमीटर लंबी कतार का 3 लाख से अधिक लोगों ने किया स्वागत
बागेश्वर धाम सरकार की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की लंबाई 5 किलोमीटर से अधिक थी। इस पदयात्रा का 3 लाख से अधिक लोगों ने आत्मीय स्वागत किया। 150 किलोमीटर की दूरी इस पदयात्रा को तय करनी है। पहले दिवस की पदयात्रा 11 किलोमीटर की है। 11 किलोमीटर में से 5 किलोमीटर तक सिर्फ जन सैलाब दिखाई दे रहा था। 12 साल के बच्चे से लेकर 65 साल तक के वृद्ध, माताएं बहनें महाराज के साथ पदयात्रा में चल रही है।
200 से अधिक स्थानों में हुई पुष्प वर्षा, जगह-जगह जलपान की व्यवस्था
पदयात्रा का 200 से अधिक स्थानों में पुष्प वर्षा के साथ स्वागत हुआ। जिस क्षेत्र से पदयात्रा निकल रही थी उस क्षेत्र के लोग घरों से बाहर निकल आए। दरवाजे, छतों एवम ऊंचे स्थानों में खड़े होकर लोग पदयात्रा का अभिवादन कर रहे थे। लोगों ने पुष्प वर्षा कर सनातनियों का उत्साह बढ़ाया।






