शीर्ष अदालत का अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती पर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इनकार

punjabkesari.in Friday, Feb 25, 2022 - 03:08 PM (IST)

नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया, जिसमें उसने बंगाल निर्वाचन आयुक्त को राज्य में 108 नगरपालिकाओं में से प्रत्येक में जमीनी हालात की समीक्षा करने और अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती पर फैसला लेने का निर्देश दिया था। इन नगरपालिकाओं के लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है।

न्यायमूर्ति डी वाय चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने भाजपा नेताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया से कहा, ‘‘ माफ कीजिए। हम इस याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे।’’
पटवालिया ने कहा कि नगरपालिका चुनाव के पिछले चरणों के दौरान व्यापक स्तर पर हिंसा और अनियमितताओं की सूचना मिली थी और केन्द्रीय बलों की तैनाती से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयुक्त को जमीनी स्थिति की जांच करने और केन्द्रीय बलों की तैनाती पर फैसला लेने के लिए कह कर गलती की है।

पटवालिया ने तर्क दिया कि चूंकि शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही है, उन्हें एक संदेश मिला है जिसमें कहा गया कि चुनाव के दौरान कुछ अतिरिक्त बल तैनात किए जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कहीं यह नहीं कहा गया कि केन्द्रीय बलों को तैनात किया जाएगा। केन्द्रीय बलों की तैनाती में क्या हर्ज है।’’
पटवालिया ने कहा कि वे आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान एक योजना के तहत मतदाताओं को मालिकाना विलेख के दस्तावेज भी वितरित किए जा रहे हैं और राज्य चुनाव आयुक्त ने भी इसकी अनुमति दे दी है। 52,000 लोगों को ऐसे पट्टे भी दिए गए हैं, जिनकी अनुमति नहीं दी जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ चुनाव कोंटाई नगरपालिका में भी होगा, जो नंदीग्राम जिले में स्थित है जहां से मुख्यमंत्री चुनाव हार गईं थी। केन्द्रीय बलों की तैनाती से हमें अपने मतपेटियों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।’’
पटवालिया ने कहा कि पूर्व में त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव से जुड़े एक मामले पर भी इस अदालत ने केन्द्रीय बलों की तैनाती से संबंधित आदेश पारित किया था।

केन्द्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव की तरह ही बंगाल में बलों की तैनाती का आग्रह किया गया है और सरकार यह स्पष्ट कर रही है कि उसे पश्चिम बंगाल निकाय चुनाव में केन्द्रीय बलों की तैनाती में कोई आपत्ति नहीं है।

पीठ हालांकि पटवालिया और मेहता की दलील से सहमत नहीं हुई और याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने बृहस्पतिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय से तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था। उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल निर्वाचन आयुक्त को राज्य में 108 नगरपालिकाओं में से प्रत्येक में जमीनी हालात की समीक्षा करने और अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती पर फैसला लेने का बुधवार को निर्देश दिया था।

अदालत ने कहा था कि अगर आयुक्त अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती के खिलाफ फैसला लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे कि चुनाव में हिंसा नहीं हो और निष्पक्ष तरीके से मतदान हो।



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PTI News Agency

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