MP में 27% OBC आरक्षण के मुद्दे पर सरकार की “बड़ी रणनीति” के नाम पर जो नाटक चल रहा है, वो OBC हक़ मारने की साजिश से कम नहीं!
Sunday, Sep 14, 2025-11:09 PM (IST)

(MP DESK): पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक बार फिर मोहन सरकार पर 27 फीसदी OBC आरक्षण को लेकर हमला बोला है। कमलनाथ ने कहा है कि जब ओबीसी आरक्षण पर बातचीत हो रही थी तो बैठक में मोबाइल ले जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई?
'X' पर पोस्ट लिखते हुए कमलनाथ ने कहा है पारदर्शी चीजें करने से डरना ही सरकार की छवि बन चुकी है। पोस्ट में कमलनाथ ने लिखा है कि मध्यप्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार की “बड़ी रणनीति” के नाम पर जो नाटक चल रहा है, वह दरअसल ओबीसी समाज के हक़ मारने की साजिश से कम नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब ओबीसी आरक्षण पर बातचीत हो रही थी तो बैठक में मोबाइल ले जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई? क्या यह किसी षड्यंत्र का हिस्सा था? क्या सरकार नहीं चाहती थी कि बैठक की असली तस्वीर और बातचीत की हकीकत जनता तक पहुँचे? पारदर्शिता से डरना ही इस सरकार की असली पहचान बन चुकी है।
कांग्रेस सरकार ने ही ओबीसी आरक्षण को 27% तक बढ़ाकर ओबीसी समाज के हक़ में एक लंबी लकीर खींच दी थी। लेकिन बीजेपी को यह कभी रास नहीं आया। कांग्रेस ने जब समाज के अधिकारों को मज़बूत किया, तब बीजेपी ने कोर्ट-कचहरी के बहाने बार-बार अड़ंगा लगाया। सच यह है कि बीजेपी कभी ओबीसी आरक्षण के पक्ष में थी ही नहीं।
अब सरकार बार-बार कोर्ट की प्रक्रिया और वकीलों की सलाह का हवाला देकर खुद को बचाने की कोशिश कर रही है। सवाल यह है कि अगर कांग्रेस सरकार के समय में 27% आरक्षण लागू हो सकता था, तो बीजेपी सरकार में क्यों नहीं? आखिर किसके दबाव में बीजेपी सरकार ओबीसी समाज को उनका हक़ नहीं दे रही?
सच यह है कि बीजेपी सरकार ओबीसी समाज को केवल वोट बैंक मानती है। चुनाव आते ही मीठे वादे और घोषणाएँ, लेकिन असल में जब आरक्षण लागू करने का वक्त आता है, तो बहाने और षड्यंत्र शुरू हो जाते हैं। ओबीसी समाज को भी अब समझना होगा कि उनका असली साथी कौन है। कांग्रेस ने हक़ दिलाया, बीजेपी छीनने में लगी है।