उमंग सिंघार ने बजट को बताया झूठ का पुलिंदा, कहा- सरकार कर्ज लेकर कर्ज पटाने में लगी है

Wednesday, Mar 12, 2025-06:09 PM (IST)

भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए आज कहा कि ये सिर्फ जादुई आंकड़ों का और जुमलेबाजी का बजट है। इस बजट में प्रदेश के सभी वर्गों के लिए प्रावधान नहीं है और अगर कुछ है भी तो वो ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। सिंघार ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये कर्ज का बजट है। इससे किसी के घर का विकास नहीं होता। आज हर व्यक्ति पर 50 हजार से ज्यादा का कर्ज सरकार ने लाद दिया है। सरकार कर्ज लेकर कर्ज पटाने में लगी है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने प्रदेश की जनता को आसमान दिखा दिया, सपने दिखा दिए, लेकिन ये सपने कब पूरे होंगे। इसका कोई स्पष्ट जवाब सरकार के पास नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के बजट में आदिवासी समुदाय के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा है कि 100 आदिवासी गांवों को सौर ऊर्जा देंगे। क्या सिर्फ 100 ही गांव सरकार को दिखाई दे रहे हैं बाकी का क्या होगा? इस बजट में युवाओं की नौकरी और एससी एसटी और पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति को लेकर कोई योजना नहीं है। इसके अलावा नई भर्तियों को लेकर भी सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि राम पथगमन के लिए सिर्फ 30 करोड़ दे रहे हैं इससे क्या होगा? भाजपा राम के नाम पर वोट तो लेना चाहती है, लेकिन उनके पथ के लिए कुछ नहीं करना चाहती। सरकार कह रही है प्रदेश के अंदर भुखमरी नहीं है जबकि हकीकत ये है कि बीमारू राज्यों की सूची में मध्यप्रदेश का स्थान दूसरे नंबर पर है। फिर भी झूठे आंकड़े क्यों दिए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने स्किल डेवेलपमेंट की बात करी, लेकिन कितने युवाओं को इसके जरिये रोजगार मिला और नई भर्तियां कब होंगी इसकी कोई बात नहीं की। लाडली बहना योजना में 3 लाख से ज्यादा महिलाओं की संख्या कम कर दी गई, साथ ही उन्हें 3000 रुपये देने की कोई बात सरकार ने नहीं की है। ये लाडली बहनों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि सांची को सरकार बैकडोर से अमूल को देना चाहती है, ऐसे में प्रदेश के किसानों और दूध उत्पादन करने वालों का क्या होगा? सिहंस्थ में पिछले बार घोटाला हुआ इस बार ऐसा ना हो, ये सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए और सही मायनों में धर्म और संस्कृति के लिए कुछ करना चाहिए।


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meena

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