मैं भगवान की सेवा करने जा रहा हूं…लिखकर अचानक घर से गायब हुआ 13 साल का बच्चा, बेटे को देखने तड़प रही मां, रो-रोकर बुरा हाल

Monday, Nov 24, 2025-05:38 PM (IST)

शहडोल (कैलाश लालवानी) : मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के थाना सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत बाणगंगा में एक संवेदनशील और रहस्यमय मामला सामने आया है। यहां रहने वाला 13 वर्षीय धीरेंद्र प्रजापति रविवार की रात अचानक घर से गायब हो गया। उसके बिस्तर के पास एक चिट्ठी मिली, जिसमें बच्चे ने लिखा है— “मां मैं जा रहा हूं घर छोड़कर भगवान की तपस्या करने। मां-पापा, भाई-बहन अपना ख्याल रखना, मैं ठीक हूं।”

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मासूम के हाथ से लिखी यह चिट्ठी परिजनों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। उसकी मां बार-बार पत्र को सीने से लगाकर रो पढ़ती है और कहती है कि बेटा भगवान की सेवा करने नहीं, पहले अपने घर लौट आए। परिजन बताते हैं कि रात 12 बजे से 1 बजे के बीच धीरेंद्र चुपचाप घर से निकल गया। सुबह जब वह अपने बिस्तर पर नहीं मिला तो घर में हड़कंप मच गया। तलाश करते समय जब यह पत्र मिला तो सभी की आंखें भर आईं।

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परिवार ने पहले बाणगंगा क्षेत्र, आसपास के गांवों और रिश्तेदारों के घरों में खोज की, लेकिन हर जगह निराशा हाथ लगी। इसके बाद पिता धर्मेंद्र प्रजापति ने थाना सोहागपुर जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता देखते हुए FIR दर्ज की है। FIR में बताया गया है कि धीरेंद्र प्रजापति, उम्र 13 वर्ष, निवासी कोटमा बाणगंगा, अचानक घर से निकल गया है। मामला भारतीय न्याय संहिता की धारा 137(2) के तहत दर्ज किया गया है। जांच की जिम्मेदारी एएसआई जवाहर लाल राय को सौंपी गई है।

थाना प्रभारी भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया कि पुलिस की विशेष टीम गठित कर दी गई है और बच्चे की तलाश तेजी से की जा रही है। बाणगंगा से लेकर आसपास के जंगल, खेत, मंदिर, बस स्टैंड और संभावित रास्तों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग खंगाली जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि बच्चा किस दिशा में गया। पड़ोसी थानों को भी सतर्क कर जानकारी प्रसारित की गई है।

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इधर धीरेंद्र की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। पिता धर्मेंद्र प्रजापति ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लोगों से अपील की है कि बच्चा कहीं भी दिखाई दे तो तुरंत सूचना दें। गांव और आसपास के लोग अपने स्तर पर बच्चे की खोज में जुटे हुए हैं। परिवार का कहना है कि धीरेंद्र धार्मिक स्वभाव का जरूर था लेकिन घर छोड़ देने जैसा कदम उसने पहले कभी नहीं उठाया।

घर में मातम जैसे हालात हैं। धीरेंद्र की मां का रो-रोकर बुरा हाल है और छोटी बहन भी लगातार पूछ रही है कि “भैया कब आएगा?” पिता की आंखें लगातार दरवाजे पर लगी रहती हैं कि शायद कोई उसे लेकर आता दिखाई दे। यह मामला केवल एक बच्चे की गुमशुदगी नहीं, बल्कि यह भी दिखाता है कि मासूम मन कभी-कभी धार्मिक या भावनात्मक प्रभाव में कितना बड़ा निर्णय ले लेता है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि धीरेंद्र को कहीं भी देखा जाए तो तुरंत थाना सोहागपुर या परिजनों को सूचना दें।


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Content Writer

meena

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