Coldrif और Nextro-DS सिरप तमिलनाडु के बाद MP में भी बैन, इन्हीं से हुई छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत, कमलनाथ ने उठाए थे सवाल
Saturday, Oct 04, 2025-02:09 PM (IST)

छिंदवाड़ा: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की किडनी फेल होने से हुई मौत के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। तमिलनाडु के बाद अब Coldrif और Nextro-DS कफ सिरप पर पूरे प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी और कहा कि रिपोर्ट में गड़बड़ी सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में इन सिरप की बिक्री रोक दी गई है। सीएम ने कहा कि छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया गया है। सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है। आपको बता दें कि इस मामले को लेकर कमलनाथ लगातार सरकार से दखल देने की मांग कर रहे थे।
छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 4, 2025
सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में…
क्या है पूरा मामला?
छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत के बाद जांच में खुलासा हुआ कि बच्चों को Coldrif और Nextro-DS सिरप दी गई थी। स्थानीय डॉक्टरों ने यही दवा लिखी थी, जबकि डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस (DGHS) ने पहले ही सभी राज्यों को पत्र भेजकर बताया था कि यह सिरप 4 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जा सकती। मृत बच्चों में 7 की उम्र 4 साल से कम थी और 2 बच्चे सिर्फ 5 साल के थे।
सिरप की सप्लाई पर बड़ा खुलासा
जांच में सामने आया कि यह सिरप जबलपुर से छिंदवाड़ा भेजी गई थी। जबलपुर कलेक्टर ने पहले ही Coldrif और Nextro-DS सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी थी। श्री सन फार्मा की यह दवा महाकौशल डीलर कटारिया फार्मास्यूटिकल के जरिए छिंदवाड़ा के तीन मेडिकल स्टोर, आयुष फार्मा, न्यू अपना फार्मा और जैन मेडिकल एंड जनरल स्टोर पर सप्लाई की गई थी। कुल 660 बोतल सिरप मंगाई गई थीं, जिनमें से 594 बोतलें छिंदवाड़ा भेजी गईं।
तीन स्तर पर जांच जारी
बच्चों की मौत की सच्चाई सामने लाने के लिए तीन टीमें जांच कर रही हैं। CDSCO दिल्ली टीम मैन्यूफैक्चरिंग प्रक्रिया की जांच कर रही है। स्टेट ड्रग कंट्रोल टीम जबलपुर, बालाघाट और छिंदवाड़ा के अफसर शामिल हैं। जिला टीम यह जांच रही है कि कितने बच्चों को यह सिरप दी गई। सभी टीमें 7 दिन में अपनी रिपोर्ट भोपाल मुख्यालय को सौंपेंगी।
सिरप के सैंपल में क्या मिला?
केंद्रीय टीम (NCDC, NIV, CDSCO) ने सिरप समेत कुल 6 सैंपल लिए। रिपोर्ट में किसी भी सैंपल में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) या एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) नहीं मिला। ये वही केमिकल हैं जो पहले भी कई देशों में बच्चों की मौत का कारण बन चुके हैं। हालांकि राज्य FDA ने 13 सैंपल लिए थे, जिनमें से Coldrif और Nextro-DS की रिपोर्ट अभी बाकी है।
कंपनी और डॉक्टरों पर उठे सवाल
यह भी सामने आया है कि डॉक्टरों ने प्रतिबंधित फॉर्मूला होने के बावजूद इन सिरप को बच्चों के लिए प्रिस्क्राइब किया। सरकार अब इस मामले में डॉक्टरों और फार्मास्यूटिकल डीलरों की जिम्मेदारी तय करेगी। राज्य सरकार ने SIT गठित कर दी है, जबकि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार से फैक्ट्री की जांच रिपोर्ट मांगी है।
पूर्व सीएम कमलनाथ लगातार उठा रहे थे मांग
वहीं छिंदवाड़ा में लगातार हो रही बच्चों की मौतों पर पूर्व सीएम कमलनाथ लगातार सरकार से मांग कर रहे थे, कि इस मामले की सघन जांच की जाए। जिसके बाद अब सरकार ने भी बड़ा फैसला लेते हुए इस सिरप को प्रदेश भर में बैन कर दिया है।