“खैरागढ़ महोत्सव 2025 का भव्य समापन, शास्त्रीय सुरों और लोकधुनों ने मंत्रमुग्ध किया”

Saturday, Nov 22, 2025-05:27 PM (IST)

खैरागढ़ (हेमंत पाल): तीन दिवसीय खैरागढ़ महोत्सव 2025 का समापन शुक्रवार देर रात शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय परिसर शास्त्रीय संगीत, लोकधुनों और कलात्मक जुगलबंदियों से सराबोर रहा। समापन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल और खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

महोत्सव के उद्घाटन दिवस पर अमेरिका के प्रो. बेंजामिन बून और कुलपति प्रो. लवली शर्मा की अनूठी जुगलबंदी ने श्रोताओं का दिल जीत लिया। तबला वादक पं. गौरीशंकर कर्मकार, गायिका विदुषी आस्था गोस्वामी, और सोनहा बदर समूह की प्रस्तुतियाँ बेहद सराही गईं। तीन दिनों में हजारों दर्शकों ने उत्साह से कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। समापन समारोह में संबोधित करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि संस्कृति मंत्री रहते हुए उन्होंने इस महोत्सव की शुरुआत की थी और लंबे समय बाद इसका हिस्सा बनकर गर्व महसूस हो रहा है। वहीं कुलपति डॉ. लवली शर्मा ने विश्वविद्यालय से संबंधित विभिन्न प्रस्ताव राज्यपाल को सौंपे, जिनके त्वरित निराकरण का आश्वासन दिया गया।

अंतिम चरण में प्रस्तुतियों ने दर्शकों को देर रात तक बांधे रखा। पं. हरीश तिवारी के शास्त्रीय गायन, पद्मभूषण पं. बुधादित्य मुखर्जी की सितार प्रस्तुति, व्योमेश शुक्ला एवं समूह की राम की शक्ति पूजा, और डॉ. पीसीलाल यादव के नेतृत्व में किए गए दूधमोंगरा लोक–सांस्कृतिक प्रदर्शन ने वातावरण को सुरमयी बना दिया। महोत्सव के दूसरे दिन राजा आर्यव्रत सिंह मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने अपने पूर्वजों के विश्वविद्यालय को किए ऐतिहासिक दान का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को समर्पण के साथ कला साधना की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में कुलपति के नवाचारों को आत्मनिर्भर खैरागढ़ अभियान द्वारा सम्मानित भी किया गया। विद्यार्थियों की सामूहिक सितार, सरोद, वायलिन और तबला प्रस्तुतियों ने ऊर्जा से भरपूर माहौल बनाया।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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