शराब घोटाले का खुलासा: सुप्रीम कोर्ट ने ED EOW को दिया अल्टीमेटम, कहा- दिसंबर तक जांच पूरी कर दें फाइनल रिपोर्ट
Thursday, Oct 09, 2025-01:49 PM (IST)

रायपुर: छत्तीसगढ़ में हुए भारी शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने और फाइनल रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि डिसंबर के आखिरी सप्ताह तक फाइनल रिपोर्ट पेश की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश सितंबर के आखिरी सप्ताह में अपलोड किए गए ऑर्डर में दिया। इसके बाद ED और EOW ने जांच को तेज गति से आगे बढ़ाया है।
जांच में जुटी ED और EOW
ED आबकारी विभाग के 30 अधिकारियों के बयान दर्ज करने में जुटी है, जिनमें 7 रिटायर्ड अधिकारी भी शामिल हैं। ED के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि ‘इस केस की जांच लगभग 2 साल हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के दिए गए समय में हम फाइनल रिपोर्ट पेश करेंगे।’
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 13 याचिकाएं
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में शराब घोटाला मामले से संबंधित 13 याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। जस्टिस एम.एम. सुन्दरेश और जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा की खंडपीठ ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। इन याचिकाओं में छत्तीसगढ़ और यूपी में दर्ज FIR, ED की ECIR और जमानत याचिकाएं शामिल थीं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि जांच पूरी होने के बाद ही याचिकाकर्ता नियमित या अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
शराब घोटाले का खुलासा
EOW की जांच में पता चला है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के MD AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाला किया गया। अनवर ढेबर को 90 करोड़ से अधिक मिले, जिन्हें उसने रिश्तेदारों और CA के नाम पर कंपनियों में निवेश किया। चालान के अनुसार, शराब डिस्टलर्स से कमीशन और बी पार्ट की बिक्री से मिलने वाले पैसे का 15% अनवर ढेबर को जाता था, जो अपने सहयोगियों विकास अग्रवाल और सुब्बू के जरिए लेता था।
गिरफ्तारियां और जांच का दायरा
इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, अन्य अधिकारी और कारोबारी जैसे अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह, अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह, दीपक दुआरी, दिलीप टुटेजा, सुनील दत्त गिरफ्तार हैं। ED और EOW के अनुसार, विदेशी शराब पर सिंडिकेट द्वारा लिए गए कमीशन का भी विश्लेषण किया जा रहा है।