सीधी में बड़ा कांड, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने सिविल सर्जन के चेहरे पर पोती कालिख,कांड करने के बाद खुद सरेंडर करने पहुंचे थाने
Monday, Nov 03, 2025-04:44 PM (IST)
            
            सीधी(सूरज शुक्ला): सीधी जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है।- सीधी सिविल सर्जन के चेहरे पर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कालिख पोत दी और वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। इस कांड को करने के बाद शिवसेना प्रमुख विवेक पाण्डेय थाने में सरेंडर करने भी पहुंच गए।
अब जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ. एस.बी. खरे के चेहरे पर शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष द्वारा कालिख पोत देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। घटना हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित नर्सिंग होम के पास की बताई जा रही है, जहां डॉक्टर अपने घर से क्लीनिक की ओर अस्पताल जाने निकले थे। सीधी सिविल सर्जन के चेहरे पर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पोती कालिख ,वीडियो वायरल कर दिया
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— Punjab Kesari-MadhyaPradesh/Chhattisgarh (@punjabkesarimp) November 3, 2025
वीडियो बनाकर थाने पहुंचे, कहा-हम विरोध कर रहे थे, किसी को आहत करना उद्देश्य नहीं

सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष ने यह पूरा विरोध-प्रदर्शन स्वयं रिकॉर्ड किया और उसके बाद सीधे थाने के बाहर पहुंचकर खुद को सरेंडर कर दिया। थाने के सामने बयान देते हुए उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन के खिलाफ हमने पहले भी शिकायत पत्र कलेक्ट्रेट में दिया था। हमने प्रशासन को अवगत कराया था कि निजी नर्सिंग होम के सामने डॉक्टर के खिलाफ हम प्रदर्शन करेंगे। हमारा उद्देश्य किसी को आहत करना नहीं था, यह सिर्फ विरोध प्रदर्शन था।”
सिविल सर्जन करेंगे मामले की शिकायत
वहीं डॉ एस बी खरे खरे का कहना है कि विरोध का एक तरीका होता है लेकिन इस तरह से कालिख पोतना सही नहीं है। मेरी इनसे कोई निजि दुश्मनी नहीं हैं लेकिन इस तरह को कृत्य को सहन नहीं किया जा सकता । लिहाजा सिविल सर्जन ने पुलिस में शिकायत करने की बात कही है।
पुलिस का क्या कहना है?
मामले में डीएसपी अमन मिश्रा ने बताया कि सिविल सर्जन द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है, जिस आधार पर पुलिस जांच कर रही है।
शिवसेना ने लगाया डाक्टरों पर मनमानी का आरोप
जिला अस्पताल की अव्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट और निजी नर्सिंग होम की बढ़ती निर्भरता को लेकर शिवसेना नेता पहले से ही नाराज़ चल रहे थे। बताया जा रहा है कि लंबे समय से शिकायतें करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसके कारण यह प्रदर्शन उग्र रूप ले गया। विवेक पाडेय का कहना है कि वो ऐसा काम करते ही रहेगें क्योंकि डाक्टर पहले से ही लापरवाही करते आ रहे हैं। डाक्टर अपने निजी क्लीनिक में पहले काम करते हैं फिर हास्पिटल मे आते हैं। मैं ये काम करता रहूंगा, इस काम से उन आत्माओं को शांति मिली होगी जो इलाज के अभाव में जिंदगी से हाथ धो बैठे थे। वो बोलबोल कर थक चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई करने वाला नहीं है।

