कफ सिरप से मौतों पर सिंघार बोले- BJP ने MP को कब्रिस्तान बना दिया, राज्य मंत्री के रिश्तेदार का किया जिक्र, कर दिए बड़े खुलासे

Tuesday, Oct 07, 2025-01:15 PM (IST)

भोपाल (इजहार खान) : मध्यप्रदेश और राजस्थान में जहरीली कफ सिरप से मासूम बच्चों की मौत के मामलों पर आज दिल्ली स्थित AICC मुख्यालय में एक संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस दौरान मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य सरकारों की घोर लापरवाही और असंवेदनशीलता को लेकर तीखा हमला बोला।

उमंग सिंघार ने विशेष रूप से मध्यप्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले आधे महीने में केवल छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में 16 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है, और सात अन्य बच्चे नागपुर में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हादसा सरकार की विफल स्वास्थ्य प्रणाली, जहरीली दवाओं पर देर से कार्रवाई और मुख्यमंत्री की उदासीनता का परिणाम है।

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मुख्य तथ्य:

  • 24 अगस्त से 6 अक्टूबर के बीच 16 बच्चों की मौत, जिनमें 14 मौतें छिंदवाड़ा और 2 बैतूल में हुईं।
  • सबसे अधिक प्रभावित आयु वर्ग: 3 से 5 वर्ष के बच्चे।
  • मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता: राष्ट्रीय सुर्खियों में आने तक पीड़ितों से नहीं मिले।
  • मुआवज़ा: केवल 4 लाख, जिसे विपक्ष ने नाकाफी और प्रतीकात्मक बताया।
  • जांच में खुलासा: तमिलनाडु की लैब रिपोर्ट में Coldrif Syrup में 48.6% Diethylene Glycol (जहरीला रसायन) पाया गया, जो किडनी फेल्योर का कारण बनता है।
  • वहीं ICMR और MP सरकार की रिपोर्ट्स में विरोधाभासी दावे सामने आए हैं, जिससे जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं।

क्या छिंदवाड़ा बना ‘पायलट ज़ोन’?

सिंघार ने सवाल उठाया कि क्या गरीब और ग्रामीण छिंदवाड़ा को जानबूझकर ‘पायलट ज़ोन’ बनाकर जहरीली दवाओं का परीक्षण किया गया? उन्होंने यह भी पूछा कि क्षेत्र में अब भी कितने घरों में यह सिरप बचा हुआ है और सरकार ने क्या सक्रियता दिखाई है?

प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप का बढ़ता नशा

विपक्ष ने COUGH SYRUP को लेकर एक और गंभीर आरोप लगाया कि यह दवा मध्यप्रदेश में नशे के तौर पर बड़े पैमाने पर उपयोग की जा रही है। उन्होंने बताया कि 2022 से अब तक इंदौर, भोपाल, रीवा, सागर और सतना से लाखों बोतलों की जब्ती हो चुकी है, जिनमें एक मामले में एक राज्यमंत्री के रिश्तेदार तक शामिल पाए गए।

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अन्य चिंताजनक आंकड़े

  • NCRB 2023 के अनुसार, बच्चों के खिलाफ अपराधों में मध्यप्रदेश देश में शीर्ष पर है 2023 में 22,393 मामले।
  • इंदौर के अस्पताल में नवजातों पर चूहों का हमला और दो की मृत्यु, हाईकोर्ट ने इसे सुस्पष्ट लापरवाही बताया।
  • कुपोषण: राज्य में 40% बच्चे ठिगने, 26% कम वजन; जबकि सरकार प्रचार पर प्रतिदिन ₹1.5 करोड़ खर्च कर रही है।

‘कब्रिस्तान बनता मध्यप्रदेश’

प्रेस वार्ता का अंत करते हुए उमंग सिंघार ने कहा,“मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने मासूमों की जानों के साथ खिलवाड़ कर उन्हें कब्रिस्तान में तब्दील कर दिया है। दोषियों को सज़ा और प्रभावित परिवारों को न्याय तब तक नहीं मिलेगा जब तक विपक्ष इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक नहीं पहुंचाता।”

विपक्ष ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, जहरीली दवाओं की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे और पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवज़ा और पुनर्वास सहायता दी जाए।


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meena

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