कफ सिरप कांड पर कांग्रेस ने पूछा- क्या स्वास्थ्य मंत्री के घर बुल्डोजर चलेगा, सिंघार बोले- तमिलनाडु की कंपनी का बीजेपी मंत्री से क्या संबंध
Tuesday, Oct 07, 2025-02:15 PM (IST)

भोपाल: मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामलों ने सियासत को गर्मा दिया है। सोमवार को दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार पर गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि बच्चों की मौत के इस दर्दनाक मामले में मध्य प्रदेश सरकार और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल को जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में नियम है कि सरकार को 72 घंटे के भीतर जांच और टेस्ट कराना जरूरी होता है, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। जब मामला तूल पकड़ा, तब जाकर मृत बच्ची योगिता ठाकरे का शव कब्र से निकालकर पोस्टमॉर्टम कराया गया। यह दिखाता है कि सरकार ने शुरुआत से ही लापरवाही की।
छिंदवाड़ा विधायक का दर्द- क्या स्वास्थ्य मंत्री के घर पर चलेगा बुलडोजर?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद छिंदवाड़ा जिले की परासिया से कांग्रेस विधायक सोहन लाल बाल्मीकि ने कहा मध्य प्रदेश सरकार छोटे-छोटे मामलों में लोगों के घरों पर बुलडोजर चला देती है। लेकिन, इन मासूम बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या स्वास्थ्य मंत्री के घर पर बुलडोजर चलेगा? इन बच्चों की हत्या के असली जिम्मेदार उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल हैं। विधायक बाल्मीकि ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के पास जुन्नारदेव में डेढ़ साल की एक बच्ची की किडनी फेल होने से मौत हो गई, लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कल छिंदवाड़ा आए थे, दो-तीन परिवारों से मिले, लेकिन ना किसी आर्थिक मदद की घोषणा की, ना ही किसी ठोस कदम की बात की। यह मध्य प्रदेश सरकार की नाकामी है।
सरकार की कार्रवाई पर उठे सवाल
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि कफ सिरप के सैंपल और सप्लाई चेन की जांच में सरकार ने जानबूझकर देरी की, जिससे कई बच्चों की जान गई। उमंग सिंघार ने कहा कि जब तक इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री और ड्रग कंट्रोल अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक जांच अधूरी रहेगी। सरकार मौतों को छिपाने की कोशिश कर रही है। छिंदवाड़ा, बैतूल और राजस्थान में दर्जनों बच्चों की मौत के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए SIT जांच और स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।