‘यीशू की प्रार्थना से दूर होगी बीमारी’ मेडिकल कॉलेज के मरीज पर धर्म परिवर्तन का बनाया दबाव

Sunday, Sep 07, 2025-01:45 PM (IST)

रतलाम: मध्यप्रदेश के रतलाम जिले से धर्म परिवर्तन का बड़ा मामला सामने आया है। आरोप है कि कुछ लोगों ने आदिवासी समुदाय के लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाया और कहा कि बार-बार बीमार होने पर प्रभु यीशु की प्रार्थना करने से ठीक हो जाओगे।

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पुलिस की कार्रवाई
मामले की सूचना मिलते ही केवड़ पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक आरोपी रानापुर का निवासी है, जबकि दूसरा रतलाम मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल स्टाफ (नर्सिंग स्टूडेंट) बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, औद्योगिक इलाके के टैंकट रोड की एक झोपड़ी में यह धर्मांतरण की गतिविधि चल रही थी।

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झोपड़ी में क्या हुआ था?
5 सितंबर को हिंदू संगठन के पदाधिकारियों को जानकारी मिली कि टैंकट रोड पर स्थित एक झोपड़ी में धर्मांतरण का प्रयास हो रहा है। जब वे मौके पर पहुंचे, तो वहां बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाएं और बच्चे मौजूद थे। इलाज और प्रार्थना के बहाने उन्हें बुलाया गया था। झोपड़ी से बाइबल और क्रॉस भी बरामद किए गए। इसके बाद हिंदू संगठनों ने पुलिस को बुलाया और मौके से दो आरोपियों को पकड़कर सौंप दिया।

पीड़ित की शिकायत
विद्याभारती निवासी कैलाश निनामा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अनुसूचित जनजाति से संबंधित हैं और मजदूरी करते हैं। कुछ महीने पहले उनकी तबीयत खराब होने पर वे मेडिकल कॉलेज गए थे, जहां उनकी मुलाकात जगदीश निनामा से हुई। जगदीश ने कैलाश से कहा कि यदि उनकी बीमारी ठीक न हो तो प्रभु यीशु की प्रार्थना करनी चाहिए।
कुछ दिनों बाद जगदीश फिर से उनके पास आया और शिवनगर में अपने भाई विक्रम निनामा के घर होने वाली प्रार्थना सभा में आने का निमंत्रण दिया।

धर्म परिवर्तन का दबाव
कैलाश ने पुलिस को बताया कि 5 सितंबर की सुबह वह विक्रम के घर गया, जहां विक्रम, जगदीश, मांगीलाल और अन्य लोग मौजूद थे। विक्रम ने प्रार्थना की और प्रसाद दिया। इसके बाद सभी लोग चले गए, लेकिन कैलाश को वहीं रोक लिया गया। आरोप है कि इसके बाद कैलाश पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डाला गया और कहा गया कि विक्रम की प्रार्थना से कई लोग बीमारियों से ठीक हो चुके हैं। कैलाश ने दावा किया कि प्रसाद खाने के बाद उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। विक्रम और उसके साथी महिलाओं और बच्चों सहित कई लोगों का धर्म परिवर्तन करा रहे थे। कई लोगों की आंखों पर कपड़ा बांधकर और सिर पर हाथ रखकर प्रार्थना करवाई जा रही थी। इनमें कुछ नाबालिग भी शामिल थे।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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