Liquor Scam Case: पूर्व CM के बेटे की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट का ED को नोटिस, 10 दिनों के अंदर मांगा जवाब
Friday, Oct 31, 2025-05:34 PM (IST)
रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) को 10 दिन के भीतर अपना काउंटर एफिडेविट (जवाबी हलफनामा) दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉय माल्य बागची की बेंच ने की। चैतन्य बघेल की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और एन. हरिहरन ने पैरवी की।
बिना नोटिस गिरफ्तारी का आरोप
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि ED ने PMLA की धारा 19 का उल्लंघन करते हुए बिना नोटिस और समन के गिरफ्तारी की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसी जानबूझकर इन्वेस्टिगेशन में देरी कर रही है, ताकि आरोपी को लंबे समय तक जेल में रखा जा सके। बता दें कि ED ने 18 जुलाई 2025 को चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। वह पिछले तीन महीने से जेल में बंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ‘गैर-सहयोग एकमात्र आधार नहीं हो सकता, आरोपों का जवाब देना पड़ेगा’। वहीं जस्टिस बागची ने टिप्पणी की कि ‘यह सिर्फ गिरफ्तारी का नहीं बल्कि इस बात का भी मामला है कि जांच आखिर कब तक चलेगी।’
ED का जवाब
ED की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए पहले ही तीन महीने का समय दिया है और प्रक्रिया जारी है। इसके बाद कोर्ट ने ED को 10 दिन में काउंटर-एफिडेविट दाखिल करने को कहा है।
क्यों दी गई है PMLA को चुनौती
चैतन्य बघेल ने अपनी याचिका में PMLA (Prevention of Money Laundering Act) की धारा 50 और 63 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। धारा 50 ED को पूछताछ, गवाही लेने और दस्तावेज मांगने की शक्तियां देती है। इस धारा के तहत ED के अधिकारी न्यायिक शक्ति की तरह समन कर सकते हैं और बयान को सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। धारा 63 गैर-सहयोग या गलत जानकारी देने पर सजा का प्रावधान करती है। याचिका में कहा गया है कि इन धाराओं से संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है और जांच एजेंसी को असीमित अधिकार मिल जाते हैं, जिससे दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है। अब सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई ED द्वारा काउंटर एफिडेविट दाखिल करने के बाद तय की जाएगी।

