बैतूल में नगर पालिका ने धार्मिक भावना रौंदी ! अवैध होर्डिंग की जगह मां ताप्ती का पोस्टर फाड़ा, ताप्ती की महिमा गुणगान करने वाले चुप

Monday, Sep 22, 2025-11:32 PM (IST)

बैतूल (राम किशोर पंवार): बैतूल से धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला मामला सामने आय़ा है। सूर्यपुत्री मां ताप्ती जी की महिमा का बखान करने वाले नेताओं का मौन तब भी नहीं टूटा जब नगर पालिका परिषद बैतूल ने कलेक्टर कार्यालय के सामने चर्तुभुजा ताप्ती जी का पोस्टर फाड़ दिया। यह वही ताप्ती हैं, जिनके पावन जल से बैतूल की धरती तृप्त होती है, लेकिन उन्हीं ताप्ती जी के सम्मान को सरेआम रौंदा गया और पूरे प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली।

अवैध होर्डिंग की जगह मां ताप्ती का पोस्टर फाड़ने का आरोप

इस कार्रवाई का विरोध मां ताप्ती जागृति समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर पंवार ने जताया है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका परिषद की कार्रवाई सिर्फ दिखावा थी। अवैध होर्डिंग हटाने के नाम पर चलाए गए अभियान में मीडिया सेंटर के सामने सरकारी भूमि पर लगे अवैध होर्डिंग को नहीं हटाया गया। पास में लगे ताप्ती जी के चौमुखी चित्र को ही फाड़ दिया गया।

नेताओं से लेकर जनप्रतिनिधि मौन

रामकिशोर पंवार का आरोप है कि नगर पालिका के कर्मचारी और अधिकारी बार-बार यह कह रहे थे कि यह कार्यवाही कलेक्टर के आदेश पर की जा रही है। सवाल उठता है कि यदि किसी अन्य धर्म, संप्रदाय, वर्ग विशेष या समुदाय के आराध्य का ऐसा अपमान हुआ होता तो क्या प्रशासन और सत्ताधारी दल के नेता इतने चुप रहते? क्या शहर में शांति बनी रहती? लेकिन ताप्ती जी के छवि के अपमान पर न सांसद ने कुछ कहा, न विधायक और न ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, जो स्वयं बैतूल विधायक हैं। रामकिशोर पंवार का कहना है कि ये वही विधायक हैं जो मंचों पर ताप्ती की महिमा गाते नहीं थकते। लेकिन जब उन्हीं के क्षेत्र में ताप्ती जी की तस्वीर को फाड़ा गया, तब वे पूरी तरह मौन साधे रहे।

नगर पालिका परिषद बैतूल ने 13 सितंबर 2024 को बैतूल नगर पालिका क्षेत्र के 91 चिन्हित स्थानों पर होर्डिंग लगाने के लिए निविदा आमंत्रित की थी। मीडिया सेंटर स्थल का जो होर्डिंग है, वह इस सूची में सम्मिलित नहीं है। इसके बावजूद वह जस का तस खड़ा रहा और नगर पालिका ने उसे हाथ तक नहीं लगाया। आरोप  है कि  धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला कार्य किया गया है। ताप्ती जी की छवि कोई विज्ञापन नहीं थी, वह न किसी व्यवसाय का प्रचार कर रही थी, न ही कोई राजनैतिक होर्डिंग थी। एक श्रद्धा का प्रतीक मात्र थी। उसे हटाना या नष्ट करना आस्था का अपमान है कानून और संवैधानिक मर्यादा का भी उल्लंघन है।

ताप्ती जागृति समिति ने चेतावनी दी है कि अब भक्तजन चुप नहीं बैठेंगे। यह कोई सामूहिक आंदोलन या सड़क पर उतरने की अपील नहीं है, हाईकोर्ट जबलपुर में एक जनहित याचिका दायर की जाएगी। समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर पंवार ने जिले के समस्त ताप्ती भक्तों से अपील की है कि वे ताप्ती जी के इस अपमान पर न्यायालयीन लड़ाई के लिए आगे आएं और सहयोग दें।


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Content Editor

Desh sharma

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