MP: Gwalior में Tomar vs Scindia: तोमर गुट सिंधिया पर पलटवार के लिए तैयार, नियुक्तियों पर रहेगा जोर...
Sunday, Oct 05, 2025-01:36 PM (IST)

भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा की आंतरिक राजनीति ने नया मोड़ ले लिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के सामने, पांच साल पहले पार्टी में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया डेढ़ साल की चुप्पी तोड़कर फिर सक्रिय हो गए हैं।
पिछले 18 दिनों में, सिंधिया ने दो बड़ी विकास समीक्षा बैठकों के माध्यम से ग्वालियर में अपने दखल का इशारा दिया। हालांकि, ये बैठकें उनके सीधे नेतृत्व में नहीं हुईं, बल्कि उनके समर्थक और जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने अध्यक्षता की।
तोमर गुट की रणनीति:
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ज्योतिरादित्य की सक्रियता पर तोमर गुट फिलहाल सीधे प्रतिक्रिया नहीं दे रहा, लेकिन आंतरिक सीन में उन्होंने पलटवार की तैयारी शुरू कर दी है। अगले कुछ हफ्तों में निगम-मंडलों और संगठन के पदों पर अपने समर्थकों की नियुक्तियों को तेज कर, तोमर गुट सत्ता और संगठन में प्रभुत्व स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई:
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिंधिया के ग्वालियर दखल को लेकर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने कड़ा विरोध जताया, जिसके बाद सिंधिया ने सीधे हस्तक्षेप से दूरी बनाई। डेढ़ साल की चुप्पी के बावजूद, उनका संदेश साफ था — ग्वालियर के विकास में मेरी सक्रियता कोई कम नहीं कर सकता।
अब, भारत सिंह कुशवाह खुद बैठकों की बागडोर संभालने वाले हैं। उनके सामने चुनौती यह है कि वे उन योजनाओं और अधिकारियों की समीक्षा करें, जिन पर पहले सिंधिया गुट ने चर्चा की थी।
ग्वालियर की सियासी गलियों में ये सवाल गूंज रहे हैं — क्या सिंधिया फिर से तोमर के गढ़ में अपना असर दिखाएंगे, या तोमर गुट पलटवार कर अपनी पकड़ मजबूत करेगा?