उमा भारती ने बागेश्वर बाबा की सनातन यात्रा में शामिल होने से किया इंकार, बुंदेलखंड अलग राज्य की मांग पर कही बड़ी बात
Saturday, Nov 08, 2025-08:00 PM (IST)
पन्ना: मध्य प्रदेश की कद्दावर नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अपने दौरे पर पन्ना पहुंची जहां पन्ना में जुगल किशोर मंदिर बलदेव मंदिर, प्राणनाथ मंदिर में किए दर्शन कार्यकर्ताओं से औपचारिक मुलाकात की। उन्होंने गौ सेवा एवं गंगा संरक्षण पर अपना बयान दिया। बुंदेलखंड अलग राज्य की मांग पर अपनी राय रखी। वहीं इन दिनों बागेश्वर बाबा द्वारा निकाली जा रही सनातन हिंदू एकता पदयात्रा पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने बेबाकी से कहा कि धीरेंद्र शास्त्री मेरे छोटे भाई जैसे हैं, लेकिन मैं इस पदयात्रा में शामिल नहीं होऊंगी।
हिंदू सनातन एकता पदयात्रा पर बोली उमा भारती
पैदल चलने से हिन्दू एकता होती है तो अच्छी बात है। हमें क्या दिक्कत है। वो हमारे छोटे भाई है। बुंदेलखंड में जन्में है। बुंदेलखंड के लिए गौरव की बात है। वहीं यात्रा में शामिल होने पर मना कर दिया और कहा मुझे बिल्कुल जरूरत नहीं है, उनकी यात्रा में शामिल होने की। यात्रा में बागेश्वर धाम रहे उनके साथ लोग रहे, तुम ही चलो, लोग चले ये हमारा आशिर्वाद रहेगा। वहीं मीडिया वालों ने जब पूछा कि अगर बागेश्वर खुद आमंत्रित करें तो उन्होंने कहा कि तब भी मैं न कह दूंगी। वहीं यात्रा के विरोध करने वालों पर टिप्पणी करने पर मना कर दिया।
बुंदेलखंड अलग राज्य का समर्थन
बुंदेलखंड हमारा अलग राज्य होना चाहिए लेकिन यह जो मांग रहे हैं। यह दो राज्य यानी उतरप्रदेश और मध्य प्रदेश मिलकर मांग रहे है। जबकि दोनों राज्यों के जनप्रतिनिधियों को मिलकर काम करना चाहिए। बुंदेलखंड हो कितना और उसमें उतर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कितना हिस्सा होना चाहिए ये सब जनसमर्थन का काम है और जनसमर्थन जुटाने का काम जनप्रतिनिधियों का होता है। उमा भारती ने कहा कि हमारी पार्टी ने बुंदेलखंड प्रान्त बना दिया था लेकिन कुछ लोग नहीं माने, जिन्होंने बुंदेलखंड के लिए आंदोलन किया, प्रयास किया वह अब इस दुनिया में नहीं रहे, इसलिए आंदोलन की मांग और शक्ति कमजोर हो गई। बुंदेलखंड पृथक राज्य होना चाहिए, हमारी पार्टी छोटे राज्यों का समर्थन करती है।

गंगा संरक्षण जरूरी
गंगा संरक्षण समाज का काम है, सरकार का काम तो सुप्पलीमेंट्री है, गऊ और गंगा समाज का काम...ये तो गंगा तो गोता लगाने वाली गंगा हो गई है। ये तो हम लोग को इतना पौरुष होना पड़ेगा कि गाय को पाल सके और गंगा को पवित्र रख सकें।


