कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे पूर्व IAS आलोक शुक्ला को जज ने वापस लौटाया, जानिए पूरा मामला

Friday, Sep 19, 2025-04:26 PM (IST)

रायपुर (पुष्पेंद्र सिंह) : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले में गुरुवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। पूर्व आईएएस अफसर आलोक शुक्ला सरेंडर करने ईडी स्पेशल कोर्ट पहुंचे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश नहीं होने के कारण जज ने उन्हें वापस भेज दिया। वहीं, सुबह भिलाई में ईडी की टीम ने उनके आवास पर तड़के छापा मारा, जो इस घोटाले में नए सुराग मिलने की संभावना को लेकर चर्चा में है। सुबह करीब छह बजे शुरू हुई इस कार्रवाई में एजेंसी के अधिकारी आलोक शुक्ला के घर को पूरी तरह घेरकर घंटों तलाशी अभियान चलाए। इस दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज़ और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि ये दस्तावेज़ और डेटा घोटाले में नए नाम और कड़ी कार्रवाई के लिए अहम हो सकते हैं। इससे पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। दोनों से हुई लंबी पूछताछ के बाद ईडी को कई महत्वपूर्ण इनपुट प्राप्त हुए। इसी आधार पर भिलाई में यह बड़ी कार्रवाई की गई।

मिलिंग प्रक्रिया में हुआ फर्जीवाड़ा घोटाले के पीछे की पूरी रणनीति धान मिलिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर उजागर हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार हर साल किसानों से धान खरीदती है और उसे चावल में बदलने के लिए मिलर्स को देती है। तय शर्तों के अनुसार मिलिंग के बाद ही भुगतान किया जाना होता है। जांच में सामने आया कि कई जगहों पर धान की मिलिंग केवल कागज़ों में दिखाकर करोड़ों रुपए का भुगतान उठाया गया। अधिकारी और मिलर्स की मिलीभगत से अवैध वसूली की गई। जांच एजेंसियों का अनुमान है कि इस घोटाले का दायरा 140 करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है। ईडी इस मामले में पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रही है। पिछले साल एजेंसी ने मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी और मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में करोड़ों रुपए के लेन-देन की कई परतें उजागर हुईं, जिससे जांच और तेज हो गई।

भिलाई के हुडको और तालपुरी इलाके में हुई रेड में ईडी ने कई अहम कागज़ात और डिजिटल डेटा बरामद किए हैं। जांच अधिकारियों का मानना है कि इन दस्तावेज़ों में मिलर्स और सरकारी अधिकारियों की सांठगांठ के पुख्ता सबूत छिपे हो सकते हैं। इस कार्रवाई के बाद जांच में एक नया मोड़ आ गया है और यह घोटाला अब तक के सबसे बड़े अनाज घोटालों में गिना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में कई बड़े अफसरों और कारोबारियों पर कानूनी शिकंजा कस सकता है।

EOW और ED की संयुक्त जांच ने इस केस को नई दिशा दी है। इस मामले में अब तक हुई गिरफ्तारियों और बरामद दस्तावेज़ों के आधार पर, अधिकारियों का मानना है कि घोटाले के नए तथ्य और शामिल लोगों के नाम सामने आने वाले हैं। इस घोटाले का असर धान किसानों, सरकारी अधिकारियों और मिलर्स तक फैला हुआ है। यदि जांच पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार आगे बढ़ती है, तो आने वाले महीनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। भिलाई में हुई इस कार्रवाई ने यह संकेत दिया है कि कस्टम मिलिंग घोटाले में अब कोई भी छूट नहीं पाएगा। ED और EOW दोनों ही एजेंसियां पूरी ताकत के साथ जांच में जुटी हैं और राज्य में अन्य मिलिंग कंपनियों और सरकारी अधिकारियों की भी जांच की संभावना बढ़ गई है।


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meena

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