कमलनाथ जी... अपने कार्यकर्ताओं को बताइए, कि आपके दिल में क्या है ?

11/25/2020 3:52:35 PM

आदरणीय, कमलनाथ जी
पीसीसी चीफ और भूतपूर्व मुख्यमंत्री, मप्र


इस खत की शुरूआत किसी तरह की कुशल क्षेम की औपचारिकता के साथ नहीं करूंगा, क्योंकि बीते दिनों उपचुनाव में आपने जिस तरह के जोश का परिचय दिया है, उसे देखकर तो नया नवेला गबरू भी लजा जाए। हालांकि कुछ कमी रही होंगी, कि वह जोश बेहतर नतीजों में नहीं बदल सका, लेकिन उस लिहाज से आपकी मेहनत को कम नहीं आका जा सकता।  

खैर, अब मुद्दे की बात करते हैं, दरअसल मसला ये है कि जबसे आपने मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान संभाली है, तब से लेकर आज तक आपसे कहीं ज्यादा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का जोश हाई बना हुआ है। आपके प्रदेश आगमन के पहले रोड शो में तो स्थिति कुछ यूं नजर आ रही थी, जैसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भागीरथी तपस्या के बाद कांग्रेस का उद्धार करने गंगा मैया आपका रूप लेकर भोपाल की सड़कों घूम रही हों। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनवाकर आपने उस विश्वास को और मजबूती प्रदान कर दी, तब से लेकर अब तक आप कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आंखों के तारे बने हुए हो। फिर न तो आपके हाथों से सत्ता फिसलने के बाद वह आपसे नाराज हुआ और न ही उपचुनाव की हार उसे आपके खिलाफ खड़ा कर पाई, सही मायनों में उसे आज भी आपमें अपना रब और सब नजर आ रहा है। 

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महोदय, यह खत मैंने कांग्रेस के कार्यकर्ता की मनोदशा को देखकर लिखा है। दरअसल आपका कार्यकर्ता अभी भी अपने दिल में यह बात लेकर बैठा है, कि कांग्रेस का भला सिर्फ आपके द्वारा ही संभव है, लेकिन वह भला कैसे होगा, इसके लिए आपके पास क्या योजना है और जोश से लबरेज अपने पार्टी के कार्यकर्ता का आप कैसे उपयोग करना चाहते हैं, ऐसे कई उनके दिल के एक कौने में पोषित हो रहे हैं। इसका उसकी इन तमाम शंका और कुशंकाओं का समाधान किसी और के हाथ में नहीं, बल्कि आपके हाथ में ही है। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी बनती है, कि आप अपनी परदे के पीछे रहने वाली शैली को राम राम कहकर थोड़ा आगे बढ़ें, अपने समर्थकों के बीच में जाएं उनकी बातें सुनें और कुछ अपनी सुनाएं, फिर देखना किस तरह की तस्वीर आपके सामने आती है। आपको जोश का वो ज्वार नजर आएगा, जिसे देखने के लिए कांग्रेस की आंखें तरस गई हैं।

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कमलनाथ जी, क्या कभी आपने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की दुर्दशा के कारणों पर गौर किया है ? नहीं किया हो, तो जरूर करना। आपको पता चलेगा, कि इसके पीछे अगर कोई जिम्मेदार है तो वो इसका नेतृत्व ही है, कभी चेहरे का अभाव तो कभी अलग अलग क्षत्रपों का चलावा, इस बीमारी ने कांग्रेस और उसके कार्यकर्ता को काफी कमजोर कर दिया। लेकिन फिलहाल की स्थिति में आपके रहते हुए दोनों ही बीमारियों का प्रभाव काफी कम हो गया है। अब बस जरूरत है, तो कार्यकर्ता के भीतर से उपेक्षा का भाव का खत्म करते हुए उसे खुद से जोड़ने की। इसके लिए आपको बहुत अधिक मेहनत की भी जरूरत नहीं है, सिर्फ उससे संवाद कीजिए। आपके जहन में क्या चल रहा है, उसे बताइए और अगर समय मिले, तो उसकी भी सुनिए। इसके बाद देखिएगा, आपकी छोटी सी कोशिश कांग्रेस के समंदर में किस तरह की हिलोरें पैदा करेगी और जिस नई कांग्रेस के निर्माण का आप दावा कर रहे हैं, वह खुद आपके इस प्रयास के बाद अस्तित्व में आ जाएगी। 

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कहते हैं, सशक्त विपक्ष लोकतंत्र का गहना होता है, लोकतंत्र की इसी सुंदरता की खातिर मैं इसके चौथे स्तंभ की तौर पर मैं आपको सलाह दे रहा हूं, इस वक्त विपक्ष आपको ट्वीटर वाला पीसीसी चीफ साबित करने पर तुला हुआ है। भले ही इस तरह के आरोपों से आपकी छवि प्रभावित न हो, लेकिन आपके कार्यकर्ता का मनोबल जरूर कमजोर हो रहा है, उसके खातिर इन दीवारों को तोड़िए, घर से निकलिए और अपनों के बीच में जाकर उन्हें ये विश्वास दिलाइए, कि आप उनके साथ हैं, साथ रहेंगे और साथ लड़ेंगे। 

हेमंत चतुर्वेदी


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