स्मार्ट मीटर नहीं, ‘स्पाय मीटर’! MP में हर घर की जासूसी, पाकिस्तानी कनेक्शन वाले ठेकों पर उमंग सिंघार का अलर्ट, सरकार से मांगा जवाब
Monday, Oct 06, 2025-01:43 PM (IST)

भोपाल। (इजहार खान): मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में आज नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्यप्रदेश में स्मार्ट मीटर परियोजना के संबंध में गंभीर सुरक्षा, गोपनीयता और धनराशि- दुरुपयोग के आरोपों के साथ प्रेस वार्ता की। प्रशासकीय निर्णयों, ठेकों, कंपनियों के विदेशी संपर्क एवं तकनीकी जोखिमों को सामने रखते हुए सरकार व डिस्कॉम से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग प्रस्तुत की गई।
परियोजना का दायरा एवं स्थिति
* केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्यक्रम युद्धस्तर पर चल रहा है।
* मध्यप्रदेश में अब तक मात्र 18% स्मार्ट मीटर इंस्टॉल हुए हैं।
* नागरिकों में बिजली बिल में वृद्धि, गोपनीयता और सुरक्षा संबंधी शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं।
स्मार्ट मीटर मिशन की राष्ट्रीय टाइमलाइन
वर्ष
चरण
विवरण
मार्च 2015---NSGM का शुभारंभ---स्मार्ट ग्रिड एवं मीटरिंग हेतु राष्ट्रीय मिशन चलाया गया।
दिसंबर 2019---केंद्र की अधिसूचना----आदेश: 1 अप्रैल 2020 से नए कनेक्शन स्मार्ट प्रीपेड मीटर से।
जुलाई 2021---RDSS योजना---2026 तक 25 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य।
* पूरे देश में स्मार्ट मीटर का कार्य तेज़ी से बढ़ रहा है।
* राज्य में करीब 1,33,44,401 मीटर स्वीकृत हुए, जिनमें से मात्र 24,96,684 (18.7%) इंस्टॉल हो सके हैं।
प्रमुख कंपनियों और ठेके संबंधी आरोप
कंपनियां
* Alfanar (मुख्यालय: सऊदी अरब), EsyaSoft Technologies (मुख्यालय: दुबई), Landis & Gyr (यूपी-हरियाणा में पहले ब्लैकलिस्ट)
* मध्यप्रदेश के पूर्व, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र डिस्कॉम शामिल
* अप्रैल 2024 में Adani ग्रुप द्वारा EsyaSoft में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण
ठेके और लागत
* 22 सितम्बर 2023: पश्चिम डिस्कॉम ने अल्फानार को दस्तावेज कमी के चलते ठेका देने से मना किया।
* 05 जनवरी 2024: पूर्व डिस्कॉम ने अल्फानार को ₹897 करोड़ का ठेका दिया।
* 10 जनवरी 2024: मध्य डिस्कॉम ने अल्फानार को लगभग ₹1,100 करोड़ का ठेका दिया।
* कुल अनुमानित लागत: ₹2,000 करोड़।
पात्रता और नोटिस
* अल्फानार को अयोग्य घोषित किया गया था, फिर भी करोड़ों के संवेदनशील ठेके दिए गए।
* पूर्व डिस्कॉम द्वारा 3 बार termination notice दिए जाने के बाद भी अल्फानार सक्रिय है।
विदेशी लिंक और सुरक्षा संबंधी आशंका पाकिस्तानी कनेक्शन
* परियोजना GM ज़हर इकबाल शाह और संपर्क अधिकारी नईम अब्बास — दोनों पाकिस्तानी नागरिक।
* अक्टूबर 2024 में अल्फानार ने पाकिस्तान सरकार के साथ MoU साइन किया, Overseas Employment Corporation स्थापित किया गया।
* कंपनियों की subsidiary पाकिस्तान/बांग्लादेश में; DPIIT आदेश के अनुसार ऐसे देशों की कंपनियों के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक।
KYC व डेटा संग्रह
* स्मार्ट मीटर KYC: आधार, वोटर आईडी, पैन, बैंक खाता, जाति, भूमि जैसी संवेदनशील जानकारी ली जा रही है।
* डेटा की सुरक्षा, लोकेशन, और नियंत्रण की पारदर्शिता नहीं।
* विदेशी कंपनियों से डेटा विदेश जाने की आशंका।
थिंक-टैंक व सरकारी चेतावनी
* India Smart Grid Forum (ISGF) एवं भारत सरकार (DPIIT) द्वारा चेतावनी दी गई कि यह प्रोजेक्ट्स राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
* कई प्रबंधन अधिकारी पाकिस्तानी नागरिक — यह भी रिपोर्ट में स्पष्ट।
Landis & Gyr की स्थिति
* उत्तर प्रदेश और हरियाणा में घटिया HT मीटर के कारण blacklist; फिर भी मध्यप्रदेश डिस्कॉम ने ही इन पर भरोसा किया।
साइबर सुरक्षा खतरे
* संभावित तकनीकी हमले: Bad Data Injection, Spoofing, Man-in-the-middle Attack, Virus/Trojan firmware update, DDoS, Energy Theft।
* पूरे भारत में ~25 करोड़ मीटर प्रत्येक एक एंट्री-पॉइंट बने हुए हैं — यह राष्ट्रीय ग्रिड, नागरिक डेटा व गोपनीयता के लिए गंभीर खतरा है।
* कमजोर नेटवर्क, एन्क्रिप्शन, असुरक्षित फर्मवेयर अपडेट, और निजी डेटा की चोरी का जोखिम।
प्रमुख सवाल सरकार एवं डिस्कॉम से
* अल्फानार को पहले अयोग्य घोषित किया गया, फिर बड़े संवेदनशील ठेके क्यों दिए?
* Alfanar-Esyasoft कार्य में Pakistan-linked personnel, MoU और विदेशी manpower की पारदर्शिता?
* DPIIT पूर्व अनुमति (Rule-144(xi)) को लेकर क्या स्पष्टीकरण है?
* Adani की 49% हिस्सेदारी के बाद किसी तरह की नैतिक/कानूनी जांच क्यों नहीं?
* नागरिकों के KYC डेटा की सुरक्षा, नियंत्रण और लोकेशन पर सार्वजनिक विवरण दें।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा:
यह मामला केवल मीटर इंस्टॉलेशन या बिल वृद्धि का नहीं बल्कि राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर निजता, आर्थिक और सामरिक सुरक्षा से जुड़ा है। हम, विपक्ष, राज्य व केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि सभी ठेकों, डेटा सुरक्षा, विदेशी लिंक की गहन जांच हो एवं जनता के हितों व संवैधानिक अधिकारों पर किसी प्रकार का समझौता न किया जाए।