कैश लेते ही छापा! नायब तहसीलदार को लोकायुक्त ने दबोचा, पूरा राजस्व विभाग हिल गया
Wednesday, Nov 26, 2025-06:06 PM (IST)
सिंगरौली। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार कोल को 4,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए उनके सरकारी आवास पर रंगे हाथ दबोच लिया। जांच में राजस्व निरीक्षक हरी प्रसाद वैश की भूमिका भी गंभीर रूप से संदिग्ध पाई गई है, जिस पर विभागीय कार्रवाई तेज कर दी गई है।
मामला कैसे शुरू हुआ?
करौली (सीधी) के प्रवीण चतुर्वेदी ने 2016 में चितरंगी के बालाखण्ड गांव में जमीन खरीदी थी। कब्जे के विवाद को लेकर उन्होंने 2017 में बेदखली के लिए आवेदन दिया। 2021 में आदेश जारी हुआ, लेकिन चार साल तक भी कार्रवाई नहीं हुई। जब शिकायतकर्ता ने लगातार दबाव बनाया, तो नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक ने मिलकर 15,000 रुपये की रिश्वत मांग डाली।
लोकायुक्त की जांच में खुलासा
22 नवंबर: नायब तहसीलदार ने 4,000 रुपये की मांग की पुष्टि
23 नवंबर: राजस्व निरीक्षक ने 8,000 रुपये की मांग की पुष्टि
दोनों के खिलाफ शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त ने जाल बिछाकर निगरानी शुरू कर दी।
गिरफ्तारी
25 नवंबर को लोकायुक्त दल ने बैरीटोला खुर्द स्थित सरकारी आवास पर छापा मारा और नायब तहसीलदार महेंद्र कोल को रिश्वत की रकम हाथ में लिए ही पकड़ लिया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं राजस्व निरीक्षक पर भी शिकंजा कसना तय माना जा रहा है, विभागीय कार्रवाई जारी है।

