MP में रेत माफिया का पर्दाफाश: नदियों से लाखों का अवैध दोहन, राजस्व और पर्यावरण पर भारी संकट
Sunday, Nov 23, 2025-08:05 PM (IST)
सिवनी (अब्दुल काबिज़ खान): मध्य प्रदेश में नदियों से रेत के अवैध उत्खनन का मामला लगातार गंभीर रूप ले रहा है। सूत्रों के अनुसार रेत माफियाओं द्वारा एक-एक डंपर की रॉयल्टी ली जाती है, जबकि सात डंपर बिना रॉयल्टी के चोरी कर लिए जाते हैं। इससे राज्य को भारी राजस्व नुकसान हो रहा है और पर्यावरण पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
बालाघाट निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजा लिल्हारे ने सिवनी मीडिया से बात करते हुए कहा कि उगली रेत खदान में हुई गोलीकांड जैसी घटनाओं के पीछे रेत माफियाओं की भूमिका है। उनका आरोप है कि अवैध उत्खनन में सरकारी मशीनरी और प्रभावशाली लोग खुलेआम दुरुपयोग कर रहे हैं।
अवैध रेत उत्खनन का पर्यावरणीय असर
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार रेत दोहन से, नदियों का प्राकृतिक प्रवाह बिगड़ रहा है, जलस्तर तेजी से घट रहा है। नदी किनारे की जमीन और जंगल क्षेत्र नुकसान झेल रहे हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि वर्ष 2025 में बालाघाट जिला जल अभाव ग्रस्त जिला घोषित किया गया है, जो आने वाले समय में जल संकट की चेतावनी है।
राजनीतिक आरोप
राजा लिल्हारे का कहना है कि रेत माफिया के मामले में भाजपा और कांग्रेस दोनों चुप हैं, और ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों मिलकर माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते कार्रवाई होती, तो सिवनी जिले के उगली क्षेत्र में गोलीकांड जैसी घटना टल सकती थी।
स्थानीय लोगों की मांगें
स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि अवैध उत्खनन में शामिल माफियाओं, नेताओं और अधिकारियों की जांच हो, नदी क्षेत्रों में 24×7 निगरानी, GPS सिस्टम और ड्रोन सर्वे शुरू किया जाए, पर्यावरण संरक्षण के लिए कड़े कानून लागू कर दोषियों को जेल भेजा जाए।

