शादी के 40 दिन पहले शहादत! नरसिंहपुर का लाल आशीष शर्मा नक्सली मुठभेड़ में अमर
Wednesday, Nov 19, 2025-05:50 PM (IST)
नरसिंहपुर (रोहित अरोरा) : मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेते हुए, नरसिंहपुर के बोहानी गांव का वह बेटा आज इतिहास में अमर हो गया, जिसके घर में जनवरी में शहनाई बजने वाली थी। हॉक फोर्स के जांबाज इंस्पेक्टर आशीष शर्मा ने अपनी वर्दी के सम्मान में, देश की रक्षा के लिए अपने सारे सपने न्योछावर कर दिए।
विरह की गोली और अधूरे सपने
बुधवार का दिन, मध्य प्रदेश की माटी के लिए एक काला अध्याय लिख गया। बालाघाट के सीमावर्ती जंगलों में तीन राज्यों की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर थी। इस जांबाज टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे, हमारा गौरव—इंस्पेक्टर आशीष शर्मा। गोलीबारी शुरू हुई, हर तरफ बारूद का धुआं और मौत का साया। लेकिन आशीष पीछे नहीं हटे, वह सीना ताने खड़े रहे, अपनी टीम को सुरक्षित रखते हुए, दुश्मनों को खदेड़ते हुए। इसी शौर्य के बीच, एक गोली ने उन्हें घेर लिया। उन्हें गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, मगर नियति ने उन्हें वीरगति के पथ पर लिख दिया था।
यह सिर्फ एक शहादत नहीं है, यह एक टूटा हुआ वादा है। घरवालों ने जनवरी 2026 की तैयारी शुरू कर दी थी। शादी के कार्ड छप रहे होंगे, हल्दी की रस्मों के सपने बुने जा रहे होंगे... लेकिन अब उन सपनों की जगह तिरंगे में लिपटे बेटे की अंतिम यात्रा है।

सीने पर शौर्य और माथे पर बलिदान
आशीष शर्मा सिर्फ एक इंस्पेक्टर नहीं थे। वह साहस की जीती-जागती मिसाल थे। इंटेलिजेंस में एक आरक्षक के रूप में शुरुआत करके, उन्होंने अपने खून-पसीने से एसआई का पद पाया और नक्सल एनकाउंटर में उत्कृष्ट कार्य के लिए 'आउट ऑफ टर्न' प्रमोशन भी लिया। उन्हें भारत सरकार ने दो-दो बार वीरता पदक से नवाजा था। उनका जीवन बताता है कि वह शांति से नहीं बैठ सकते थे। वह हर बार सबसे आगे खड़े रहे, क्योंकि उनके लिए राष्ट्रप्रेम किसी भी निजी सुख से बड़ा था।
मातृभूमि का आंसू
नरसिंहपुर जिले के बोहानी गांव पर आज गहरा शोक पसरा है। जिस गली से गुज़रने पर आशीष सबको गर्व से सीना तानकर 'जय हिन्द' कहता था, उस गली में आज सन्नाटा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए ठीक ही कहा है कि आशीष शर्मा ने अपने अदम्य साहस से नरसिंहपुर जिले के गौरवशाली इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया है। इंस्पेक्टर आशीष शर्मा! आपकी शहादत हमें हमेशा याद दिलाएगी कि इस देश की सीमाएं और शांति किन अनमोल बलिदानों की नींव पर खड़ी हैं। वह नायक चला गया... मगर वह अमर हो गया।

