पीथमपुर में नहीं दफ्न होगी जहरीली राख, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, अब यहां दफ्न होगा भोपाल गैस त्रासदी का जहर?
Wednesday, Oct 15, 2025-06:22 PM (IST)

भोपाल: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकले जहरीले कचरे के निस्तारण को लेकर राज्य सरकार को कड़े निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि 358 टन जहरीले कचरे से बनी 899 टन राख को ऐसी जगह ले जाया जाए, जहां न मानव बस्ती हो, न पेड़-पौधे और न ही कोई जलस्रोत।
जानकारी के अनुसार, इस जहरीले कचरे को धार जिले के पीथमपुर स्थित TSDF प्लांट में जलाकर राख में तब्दील किया गया था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अब तक के कदमों को अपर्याप्त बताते हुए वैकल्पिक स्थल की खोज पर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की सहायता लेने पर भी जवाब तलब किया है। याचिका में यह खुलासा हुआ कि राख में पारे (Mercury) की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक है, जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए गंभीर खतरा है। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि किसी प्राकृतिक आपदा, जैसे भूकंप की स्थिति में, यदि राख रखने का ढांचा क्षतिग्रस्त हुआ तो यह इंदौर, धार और मऊ जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाकर भयंकर परिणाम दे सकता है।
सरकार द्वारा पेश किए गए एनिमेटेड वीडियो से हाईकोर्ट असंतुष्ट रहा और इसे वैज्ञानिक रूप से अधूरा बताया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। इधर, पीथमपुर बचाव समिति ने कोर्ट के फैसले को जनता की जीत बताया है। समिति के सदस्य हेमंत हीरोले ने कहा “यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर लाया गया था, जिसका हमने लगातार विरोध किया। इस राख में मरकरी जैसे जहरीले तत्व हैं जो कैंसरकारी हैं। हमारी मांग थी कि इसे यहां रखना असुरक्षित है। कोर्ट ने हमारी बात सुनी और सरकार को वैकल्पिक स्थल ढूंढने का आदेश दिया, यह पीथमपुर की जनता की जीत है।