जानिए कहां है विश्व का पहला करवाचौथ मंदिर, यहां सबसे पहले दिखता है चांद, लगती है महिलाओं की भारी भीड़
Friday, Oct 10, 2025-01:23 PM (IST)

भोपाल: देशभर में जहां करवा चौथ का पर्व आस्था और परंपरा के रंग बिखेरता है, वहीं राजधानी भोपाल का एक मंदिर इस पर्व की पहचान बन चुका है। कोलार की पहाड़ी पर स्थित यह देश का पहला करवा चौथ मंदिर माना जाता है, जहां हर साल बड़ी संख्या में महिलाएं करवा चौथ की रात चंद्रमा उदय तक व्रत रखती हैं और पारंपरिक विधि से पूजा-अर्चना करती हैं।
कब बना ये मंदिर
यह विशेष मंदिर वर्ष 2002 में वैदिक पद्धति से निर्मित किया गया था। इसे भारत का पहला ऐसा मंदिर माना जाता है, जो पूरी तरह करवा चौथ पर्व और उससे जुड़े देवताओं को समर्पित है। यहां हर साल करवा चौथ के दिन पूजन, भंडारा और विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। यह मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित चौथ माता मंदिर से अलग है। जहां सवाई माधोपुर में माता चौथ का प्राचीन मंदिर है, वहीं भोपाल का यह मंदिर करवा चौथ और शिव-पार्वती की आराधना के लिए जाना जाता है।
चांद के पहले दर्शन का केंद्र
करवा चौथ की रात इस मंदिर में चांद के पहले दर्शन का इंतजार भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। मंदिर परिसर में शिव-पार्वती, गणेश जी, कार्तिक देव और चंद्रदेव की मूर्तियां स्थापित हैं। यहां सभी देवताओं की पूजा 108 नामों और वैदिक मंत्रों के साथ की जाती है। हर साल करवा चौथ की रात मंदिर में 70 से 80 जोड़े और सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं। पूजा के बाद भंडारा और सांस्कृतिक अनुष्ठान देर रात तक चलते हैं। इस साल भी आयोजन शाम 7 बजे से शुरू होकर आधी रात तक चलेगा।
मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता
भोपाल का यह मंदिर देश का एकमात्र करवा चौथ मंदिर है, जो किसी ट्रस्ट या दान समिति के बिना चलता है। यहां की हर गतिविधि श्रद्धालुओं की भागीदारी और पारंपरिक विधि से संपन्न होती है।