जेल में बंद बेटे को छुड़ाने आई मां से पुलिसवाले ने की Se.x की डिमांड, प्राइवेट पार्ट को छुआ, SSP ने किया सस्पेंड

Thursday, Nov 20, 2025-04:41 PM (IST)

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई-3 थाना क्षेत्र में एक महिला ने पुरानी भिलाई थाने में पदस्थ आरक्षक अरविंद मेंढ़े पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का बेटा पॉक्सो मामले में जेल में बंद है और इसी बात का फायदा उठाकर आरक्षक ने उसे मदद के नाम पर छेड़छाड़ करने की कोशिश की।

महिला का आरोप- ‘छुआ, दबाव बनाया और प्राइवेट पार्ट चेक किया’
महिला के मुताबिक, आरक्षक अरविंद ने उसके बेटे को छुड़वाने का भरोसा देकर उसे फोन पर मिलने के लिए बुलाया। मंगलवार शाम करीब 6 बजे वह महिला को जांजगीर के पास यार्ड में ले गया। वहां उसने गलत तरीके से छुआ और संबंध बनाने का दबाव बनाया। जब महिला ने मना किया और पीरियड होने की बात कही तो आरक्षक ने उसका प्राइवेट पार्ट चेक किया, और कहा ‘दो दिन बाद फिर आओ… तब तुम्हारे बेटे को बाहर निकाल दूंगा।’ आरक्षक लगातार फोन कर उसे मिलने के लिए मजबूर कर रहा था।

ऑडियो रिकॉर्डिंग और स्क्रीनशॉट भी दिए गए
हिंदूवादी संगठन की सदस्य ज्योति शर्मा ने बताया कि पीड़िता ने आरक्षक के साथ हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग और चैट के स्क्रीनशॉट उन्हें दिए। ज्योति शर्मा ने कहा ‘पीड़िता की पूरी रिकॉर्डिंग और स्क्रीनशॉट पुलिस को दे दिए हैं। आरोपी आरक्षक पर तत्काल कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।’

थाने का घेराव-हिंदूवादी संगठनों का विरोध
मामले की जानकारी मिलते ही हिंदूवादी संगठन भिलाई-3 थाने पहुंच गए और जोरदार विरोध किया। ज्योति शर्मा के नेतृत्व में FIR और सस्पेंशन की मांग को लेकर हंगामा हुआ। एएसपी पद्मश्री तंवर थाने पहुंचीं और कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया।

SSP ने तत्काल किया सस्पेंड, जांच 7 दिन में पूरी होगी
शिकायत दर्ज होते ही दुर्ग SSP विजय अग्रवाल ने आरोपी आरक्षक अरविंद मेंढ़े को निलंबित कर दिया और रक्षित केंद्र में भेजा। जांच की जिम्मेदारी CSP भारती मरकाम को सौंपी गई है और 7 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए गए हैं।

पुलिस ने रेप की गंभीर धारा में केस दर्ज किया
आरक्षक के खिलाफ BNS की धारा 64(2)(क)(i) के तहत FIR दर्ज हुई है। यह धारा तब लगती है जब कोई पुलिसकर्मी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किसी महिला के साथ थाने या हिरासत जैसे परिस्थितियों में रेप करता है। इस धारा में कम से कम 10 साल की सजा या फिर उम्र कैद भी हो सकती है, साथ में भारी जुर्माना देना पड़ सकता है।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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