VIT कॉलेज सीहोर में बवाल: इस बात को लेकर 4 हजार स्टूडेंट्स का फूटा गुस्सा, बस-कारें फूंकी, हॉस्टल में हाहाकार
Wednesday, Nov 26, 2025-11:53 AM (IST)
सीहोर। (धर्मेंद्र राय): मध्य प्रदेश के सीहोर के आष्टा स्थित VIT कॉलेज में मंगलवार रात ऐसा हंगामा हुआ, जिसने पूरे जिले को हिला दिया। खराब पानी और खाना देने का आरोप… छात्रों से मारपीट… और फिर गुस्से का ऐसा विस्फोट कि पूरा कैंपस युद्धभूमि बन गया।
मामला कैसे शुरू हुआ?
कॉलेज हॉस्टल में पिछले कई दिनों से
गंदा पानी,
खराब खाना,
और बढ़ते बीमार छात्र…
इन सबके चलते स्टूडेंट्स लगातार शिकायत कर रहे थे।
आरोप है कि
कई छात्रों को पीलिया,

कुछ की मौत तक के दावे सामने आए,
जबकि 100 छात्र अस्पतालों में भर्ती बताए जा रहे हैं।
जब छात्र अपनी शिकायत लेकर प्रबंधन के पास पहुंचे, तो वार्डन और गार्ड्स ने छात्रों की पिटाई कर दी इसके वीडियो भी वायरल हो गए
छात्रों को चुप रहने का दबाव भी बनाया गया और यहीं से हालात भड़क उठे।
रात में 4,000 छात्रों का विस्फोटक प्रदर्शन
मंगलवार रात कोलगभग 4,000 छात्र एक साथ कैंपस में जमा हो गए।
इसके बाद जो हुआ, वो किसी बड़े दंगे जैसा था—
एक बस को आग के हवाले किया गया
कारों और बाइकों में तोड़फोड़
एम्बुलेंस तक नहीं छोड़ी, उसके शीशे फोड़ दिए
हॉस्टल की खिड़कियों के शीशे टूटे
RO प्लांट को नुकसान
कई विभागों में ताबड़तोड़ पत्थरबाज़ी और तोड़फोड़
कैंपस के अंदर जगह–जगह धुआं और भगदड़ का माहौल रहा।
पांच थानों की पुलिस तैनात
हंगामे की सूचना मिलते ही आष्टा के SDM, SDOP के साथ पांच थानों—आष्टा, जावर, पार्वती, कोतवाली और मंडी—की भारी पुलिस मौके पर पहुंची।
लगभग घंटेभर की बातचीत और समझाइश के बाद छात्र शांत हुए और हालात काबू में आए।
कॉलेज बंद, 30 नवंबर तक अवकाश
स्थिति को देखते हुए कॉलेज प्रबंधन ने 30 नवंबर तक छुट्टी घोषित कर दी है। सभी क्लासेस, प्रयोगशालाएं और हॉस्टल गतिविधियां बंद कर दी गई हैं।
आज होगी निर्णायक बैठक
प्रशासन ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि—
उनकी शिकायतें सुनी जाएंगी खाने–पानी की गुणवत्ता की जांच होगी। जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी
आज छात्र प्रतिनिधियों और कॉलेज मैनेजमेंट की संयुक्त बैठक होगी।
SDOP आकाश अमलकर का कहना है—
"वर्तमान में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। पुलिस कैंपस में तैनात है और 24 घंटे निगरानी जारी है।"
VIT कॉलेज में अचानक भड़का ये विरोध केवल एक रात का गुस्सा नहीं था, बल्कि लंबे समय से उपज रही परेशानियों का नतीजा था। अब देखना होगा कि कॉलेज प्रबंधन छात्रों की जिंदगी से जुड़े इन गंभीर आरोपों को कितनी गंभीरता से लेता है।

