दिव्यांगों के नाम पर डकार गए 1 हजार करोड़! बड़े घोटाले की जांच करेगी CBI, पूर्व-मंत्री, कई रिटायर्ड IAS जांच के घेरे में
Thursday, Sep 25, 2025-03:48 PM (IST)

रायपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्टेट रिसोर्स सेंटर (SRC) और फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर (PRC) में दिव्यांगों के कल्याण के नाम पर हुए 1000 करोड़ रुपए के बड़े घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं। जस्टिस प्रार्थ प्रतीम साहू और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डिवीजन बेंच ने कहा कि यह केवल प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि सिस्टमेटिक करप्शन का मामला है, जिसमें फर्जी कर्मचारियों के नाम पर वेतन निकाला गया और सरकारी फंड की लूट हुई।
कोर्ट ने कहा कि इतनी बड़ी वित्तीय अनियमितताओं को सिर्फ प्रशासनिक त्रुटि बताना न्यायसंगत नहीं है और राज्य सरकार अपने उच्च अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रही है। हाईकोर्ट ने CBI को पहले से दर्ज एफआईआर के आधार पर दस्तावेज जब्त करने और जांच जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं। घटना का इतिहास 2004 में शुरू हुआ, जब छत्तीसगढ़ सरकार ने दिव्यांगों के पुनर्वास के लिए स्टेट रिसोर्स सेंटर (SRC) की स्थापना की। 2012 में इसके अंतर्गत PRC बनाया गया, जिसका उद्देश्य दिव्यांगों को कृत्रिम अंग और अन्य चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना था।
सूचना के अधिकार (RTI) के माध्यम से प्राप्त दस्तावेजों से पता चला कि ये संस्थाएं केवल कागजों में ही सक्रिय थीं। याचिकाकर्ता कुंदन सिंह ठाकुर के अनुसार, उनके नाम पर भी फर्जी रिकॉर्ड बनाकर वेतन निकाल लिया गया। वित्त विभाग के ऑडिट में 31 अनियमितताएं उजागर हुईं, जिसमें फर्जी कर्मचारियों के नाम पर वेतन, कैश भुगतान के सबूत और उपकरणों की खरीदी में गड़बड़ी शामिल है। हाईकोर्ट ने पहले भी 2020 में मामले की जांच के आदेश दिए थे, लेकिन राज्य सरकार ने इसे केवल प्रशासनिक खामी बताकर मामले को दबाने की कोशिश की थी। नए निर्देशों के बाद अब CBI जांच फिर से शुरू करेगी, ताकि दोषियों तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।