बायोप्सी रिपोर्ट आने तक सोती रही सरकार! 21 बच्चों की मौत के बाद ColdRif सिरप मालिक गिरफ्तार

Thursday, Oct 09, 2025-11:02 AM (IST)

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की जान ले चुकी कफ की दवा (ColdRif सिरप) का मामला अब उजागर हो चुका है। 3 सितंबर से मौतों की सिलसिला शुरू हुआ, लेकिन प्रशासन ने 16 सितंबर तक गंभीरता नहीं समझी। परसिया ब्लॉक में बच्चों की हालत बिगड़ने पर जांच शुरू हुई।

नागपुर के अस्पतालों ने किडनी फेल होने से बच्चों की मौत की रिपोर्ट दी। 26 सितंबर को एक मृत बच्चे की बायोप्सी रिपोर्ट में ‘एक्यूट ट्यूबलर इंजरी’ (गुर्दे की गंभीर क्षति) सामने आने के बाद ही दवा के सैंपल लिए गए।

शुरुआती भ्रम: वायरल बीमारी समझी गई

शुरुआत में कई अधिकारियों ने इसे वायरल बीमारी समझा। 18 सितंबर को स्वास्थ्य निगरानी इकाई ने चेतावनी दी थी कि मौत किसी ज़हरीले पदार्थ से हो सकती है। पुणे में भेजे गए सैंपल ने वायरल संक्रमण की आशंका खारिज की।

24 सितंबर की नागपुर बायोप्सी रिपोर्ट ने किडनी फेल होने की पुष्टि की, लेकिन कारण अनिश्चित था। लक्षण तेजी से बिगड़ने लगे, जो रासायनिक ज़हर की ओर इशारा कर रहे थे।

 19 दवाओं की जांच, और ColdRif की पहचान

26 से 29 सितंबर तक CDSCO और MP FDA की टीमों ने 19 दवाओं के सैंपल लिए। शुरुआती रिपोर्टों में दवाएं मानक अनुसार थीं। लेकिन आगे की जांच में ColdRif कफ सिरप घटिया निकला।

Respifresh TR और Relife नाम की दो अन्य दवाएं भी मानक से कम पाई गईं। तमिलनाडु से पुष्टि के बाद पता चला कि ColdRif में 48% डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) था, जो बच्चों की किडनी फेल कर सकता है।

 डॉक्टर की जमानत याचिका खारिज

सरकारी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी पर यह जानलेवा सिरप लिखने का आरोप है। जिला अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।

 कंपनी मालिक गिरफ्तार

S. रंगनाथन, उस कंपनी के मालिक जिसने जहरीली कफ सिरप बनाई, को एमपी SIT ने चेन्नई से गिरफ्तार किया। वह लंबे समय से फरार था और उसके खिलाफ 20 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।


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Content Editor

Himansh sharma

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