मासूम को 5 इंजेक्शन का दे दिया भारी डोज, झोला छाप डॉक्टर की लापरवाही से हुई दर्दनाक मौत

Friday, Oct 17, 2025-02:12 PM (IST)

खंडवा। (मुश्ताक मंसूरी): जिले के पिपलोद थाना क्षेत्र में एक झोला छाप डॉक्टर के गलत उपचार से दो साल के मासूम की मौत हो गई। घटना गुरुवार रात की बताई जा रही है। आज खंडवा के जिला अस्पताल में मासूम का पोस्टमार्टम कराया गया। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। पिपलोद थाना क्षेत्र के गांधवा गांव में एक झोला छाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण दो साल के बच्चे की मौत हो गई। डॉक्टर ने गलत उपचार दिया, जिससे बच्चे की हालत बिगड़ गई।

इस घटना पर स्थानीय आदिवासी संगठन जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) ने तीखा आक्रोश जताया है। आरोपी डॉक्टर हिमांशु के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।

घटना गांधवा गांव में हुई। पीड़ित परिवार ने बताया कि उनका दो साल का बेटा बीमार था। लाभु जमरे ने कहा कि स्थानीय झोला छाप डॉक्टर हिमांशु से इलाज कराया, जो बिना किसी मेडिकल डिग्री के प्रैक्टिस कर रहा था। बुधवार रात खंडवा ले जाने के लिए वाहन नहीं मिलने के कारण डॉक्टर से इलाज करवाया गया। डॉक्टर ने बच्चे को गलत इंजेक्शन और चार बोतल स्लाइन लगा दी, जिससे उसकी हालत तेजी से बिगड़ी और मृत्यु हो गई।

PunjabKesariबच्चे की मौत के बाद गांव में हड़कंप मच गया। जयस संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और पीपलोद थाने पहुंचकर डॉक्टर के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। संगठन के नेता अंतर डाबर ने कहा कि ऐसे फर्जी डॉक्टर ग्रामीण इलाकों में गरीबों की जान से खेल रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।

जयस नेता डाबर ने कहा, "यह पहली घटना नहीं है। हमारे आदिवासी भाई-बहनों को ऐसे झोला छाप डॉक्टरों का शिकार होना पड़ता है। हम आक्रोशित हैं और मांग करते हैं कि डॉक्टर हिमांशु को गिरफ्तार किया जाए। सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करे, नहीं तो हम आंदोलन तेज करेंगे।"

पीड़ित परिवार ने कहा, "मेरा बेटा बस थोड़ा बीमार था। हमने डॉक्टर हिमांशु पर भरोसा किया, लेकिन उसने गलत दवा दी। अब हमारा बच्चा चला गया। हम न्याय चाहते हैं।"

घटना की शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आई। आरोपी डॉक्टर हिमांशु पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा। फिलहाल डॉक्टर फरार बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग भी इस मामले में जांच कर रहा है कि आरोपी बिना लाइसेंस कैसे प्रैक्टिस कर रहा था।


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Content Editor

Himansh sharma

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