मंदिर में टूटे ताले, बढ़ा तनाव: धमधा में दो समाज आमने-सामने, किले की हालत पर भी सवाल
Saturday, Nov 22, 2025-05:38 PM (IST)
धमधा। (हेमंत पाल): छत्तीसगढ़ के धमधा के ऐतिहासिक त्रिमूर्ति महामाया बुद्धदेव मंदिर परिसर में बुधवार को हुए ताला-बदलाव विवाद ने क्षेत्र में धार्मिक और सामाजिक तनाव को बढ़ा दिया है। घटना के बाद दो सामाजिक समूहों के बीच आरोप–प्रत्यारोप का दौर जारी है और मामला पुलिस तक पहुँच गया है। वहीं इसी परिसर में स्थित पुराने किले की उपेक्षा को लेकर भी लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।
शिकायतकर्ता पक्ष का आरोप
गोड़ समाज धमधा के अध्यक्ष पुरानिक नेताम ने थाना प्रभारी धमधा को दिए आवेदन में बताया कि वे घटना के समय गाँव से बाहर थे। समाज के सचिव संतोष खेदेहा से उन्हें सूचना मिली कि मंदिर का पुराना ताला तोड़कर नया ताला लगाया गया है। आवेदन में यह दावा किया गया है कि घटना कथित रूप से संतोष मंडावी और कमलेश ध्रुव की मौजूदगी में हुई।
नेताम ने इसे धार्मिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश बताया और कहा है कि मंदिर लंबे समय से समाज की आस्था और पूजा-अर्चना का केंद्र रहा है, ऐसे में इस प्रकार का कदम श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाता है।
दूसरा पक्ष: ताला बदलने को बताया ‘सुरक्षा आवश्यकता’
वहीं वीरेंद्र पोरथे ने इस मामले में अपनी अलग प्रतिक्रिया दी। उन्होंने दावा किया कि ताला बदलना किसी व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि मंदिर की सुरक्षा और पवित्रता के लिए आवश्यक था।
पोरथे के अनुसार,
मंदिर परिसर में खाली शराब की बोतलें, डिस्पोज़ल सामग्री,
और यहाँ तक कि कंडोम भी मिलने जैसी घटनाएँ सामने आईं,
जिसके कारण श्रद्धालुओं में आहत भावनाएँ पैदा हुईं।
उनका कहना है कि इस स्थिति ने पूजा-अर्चना के माहौल को बाधित किया और समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँची, इसलिए ताला हटाकर नया ताला लगाना आवश्यक कदम समझा गया।
उन्होंने कहा...
“हमारा उद्देश्य केवल मंदिर की मर्यादा, स्वच्छता और सुरक्षा बनाए रखना है। किसी प्रकार की अशांति या विवाद पैदा करना नहीं।”
समुदायों के बीच तनाव
घटना के बाद दोनों गोड़ समाज समूहों में आक्रोश देखा जा रहा है।
एक पक्ष जहाँ ताला तोड़ने को धार्मिक स्थल में अवैध हस्तक्षेप बता रहा है, वहीं दूसरा पक्ष इसे मंदिर की सुरक्षा से जुड़ा कदम मान रहा है।
इससे दोनों समूहों में सामाजिक खिंचाव बढ़ गया है और स्थानीय लोग मामले के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।
ऐतिहासिक किले की खराब स्थिति पर भी बढ़ी चिंता
मंदिर परिसर से लगे गॉड राजाओं के प्राचीन किले की हालत को लेकर भी लोगों ने सवाल उठाए हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि
किले की दीवारें जर्जर हो चुकी हैं,
परिसर की नियमित सफाई नहीं होती, असामाजिक तत्वों का परिसर में आना-जाना बना रहता है।
ऐसे में ताला विवाद ने किले की सुरक्षा और संरक्षण की जरूरत को और उजागर कर दिया है। नागरिकों का कहना है कि प्रशासन यदि समय पर ध्यान दे तो किले और मंदिर दोनों को सुरक्षित और स्वच्छ रखा जा सकता है।
पुलिस जांच जारी
धमधा एसडीओपी किरो ने कहा मामले आया है जांच किया जा रहा है। मंदिर परिसर की स्थिति का निरीक्षण किया जाएगा, और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। पुलिस ने फिलहाल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज होने या गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

